रांची में पहली बार AISM की बैठक: स्टेशन मास्टरों के मुद्दों पर केंद्रित हुआ मंथन

#रेलवेसम्मेलन #रांची – भारतीय रेलवे की रीढ़ स्टेशन मास्टरों के हितों की गूंज राजधानी में

रांची बना ऐतिहासिक रेलवे सम्मेलन का साक्षी

रांची। रेलवे इतिहास में पहली बार झारखंड की राजधानी रांची ने अखिल भारतीय स्टेशन मास्टर एसोसिएशन (AISM) की केंद्रीय कार्यकारिणी की 51वीं बैठक की मेजबानी की। यह आयोजन न केवल राज्य के लिए गौरव की बात रही, बल्कि भारतीय रेलवे की रीढ़ माने जाने वाले स्टेशन मास्टरों के हितों की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर रखने वाला एक प्रभावशाली प्रयास भी रहा।

बैठक में देशभर के 68 रेल मंडलों के स्टेशन मास्टरों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। रेलवे संरचना, कार्यस्थल की चुनौतियां, तकनीकी तालमेल, कर्मचारियों की सेवा शर्तें और मानव संसाधन सुधारों जैसे गंभीर विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।

मंत्री संजय सेठ ने की सराहना, दिया आश्वासन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्थित रहे। उन्होंने कहा:

“स्टेशन मास्टरों की जिम्मेदारी सिर्फ संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे रेलवे की संरक्षा और समयबद्धता के प्रमुख स्तंभ हैं। केंद्र सरकार उनके हितों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है।”

उनकी इस घोषणा से उपस्थित स्टेशन मास्टरों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास देखा गया।

संगठन को मिलेगा नया विस्तार

AISM के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा:

“स्टेशन मास्टर यात्री सेवाओं और रेलवे सुरक्षा का प्रथम चेहरा हैं। हमें नीतिगत चर्चाओं में शामिल किया जाना चाहिए ताकि संचालन बेहतर और सुरक्षित हो सके।”

बैठक में रेलवे प्रशासन के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की योजना बनाई गई। इसके साथ ही तकनीकी परिवर्तन, संसाधनों की आपूर्ति, मानव संसाधन विकास और कार्यस्थल पर व्यवहारिक समस्याओं के समाधान की मांगों को भी दस्तावेजीकृत किया गया।

ड्यूटी के दौरान समस्याओं का मुद्दा उठा

स्टेशन मास्टरों ने साझा किया कि ड्यूटी के दौरान उन्हें कई व्यवहारिक और प्रशासनिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है। सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता, संसाधनों की कमी, और कार्य संतुलन जैसे मुद्दों पर त्वरित निर्णय की आवश्यकता है।

न्यूज़ देखो: रेलवे सुधार की आवाज बनता सम्मेलन

न्यूज़ देखो मानता है कि यह बैठक रेलवे कर्मचारियों के अधिकारों और सम्मान के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। रेलवे संचालन के अनदेखे योद्धा – स्टेशन मास्टरों की आवाज को यदि नीति स्तर पर सुना जाए, तो भारतीय रेलवे को और अधिक सुरक्षित, सुदृढ़ और उत्तरदायी बनाया जा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सेवा में समर्पण को मिले मान्यता

AISM की यह बैठक रांची में आयोजित होना इस बात का संकेत है कि झारखंड अब रेलवे सेवा और कर्मचारियों के नीति संवाद का नया केंद्र बन रहा है। स्टेशन मास्टरों की मेहनत और समर्पण को पहचान दिलाना समय की जरूरत है, और यह आयोजन उस दिशा में एक निर्णायक कदम है।

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