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वकुलावन विद्यालय में खतरे की घंटी — जर्जर भवन, दूषित पानी और शिक्षक पर दबाव ने बढ़ाई चिंता

#लातेहार #शिक्षाव्यवस्था : सड़क, पानी और मरम्मत की मांग के बीच बच्चों की पढ़ाई खतरे में

गारू (लातेहार) — गारू प्रखंड के कोटाम पंचायत स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय वकुलावन की हालत इतनी खराब है कि यहां पढ़ाई से ज्यादा खतरे का माहौल महसूस होता है। बच्चों के आने-जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है। बरसात के दिनों में कीचड़ और जलजमाव के बीच होकर ही विद्यार्थियों को विद्यालय पहुंचना पड़ता है।

दूषित पानी से मिड-डे मील

विद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण मिड-डे मील बनाने के लिए पास के कुएं का दूषित पानी इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ।

मीडिया रिपोर्ट के बाद दबाव

गौरतलब है कि पेयजल समस्या पर पहले भी मीडिया में खबर प्रकाशित हो चुकी है। लेकिन समस्या का समाधान होने के बजाय, स्थानीय स्तर पर शिक्षक पर दबाव बनाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है।

जर्जर भवन से जान का खतरा

विद्यालय भवन की छत वर्षों से जर्जर है। जगह-जगह प्लास्टर झड़ रहा है और दीवारों में चौड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। शिक्षक और बच्चे रोजाना इस डर में पढ़ाई करने को मजबूर हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों और अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि पक्की सड़क, शुद्ध पेयजल सुविधा और भवन मरम्मत का काम तुरंत शुरू किया जाए, ताकि बच्चों को सुरक्षित माहौल में पढ़ाई करने का अवसर मिले।

न्यूज़ देखो: शिक्षा के अधिकार पर खतरा

वकुलावन विद्यालय की यह स्थिति सिर्फ ढांचागत कमी नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य और सुरक्षा से सीधा जुड़ा सवाल है। प्रशासन के त्वरित हस्तक्षेप और सुधारात्मक कदम यहां जरूरी हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बदलाव की जरूरत

विद्यालय केवल पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों की नींव है। इसे सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की जिम्मेदारी हमारी सामूहिक प्राथमिकता होनी चाहिए। इस खबर को साझा कर शिक्षा सुधार की आवाज़ को और मजबूत करें।

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