
#लातेहार #जमीन_विवाद : रंजीत उरांव ने लगाया गंभीर आरोप — ज़मीन कब्जाने की कोशिश, जातिगत गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी
- चंदवा थाना क्षेत्र के कुसुमटोली निवासी रंजीत उरांव ने दो लोगों पर गंभीर आरोप लगाए
- जमीन कब्जे की कोशिश, जातिसूचक गालियां और जान से मारने की धमकी की शिकायत
- जमीन की खरीद-बिक्री की वैधता पर उपायुक्त और अपर समाहर्ता का आदेश भी पक्ष में
- थाना को मिला आवेदन, जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की संभावना
जमीन विवाद को लेकर तनाव, जातीय टिप्पणी से आहत पीड़ित पहुंचा थाने
लातेहार (चंदवा)। चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत कुसुमटोली गांव निवासी रंजीत उरांव ने दो स्थानीय लोगों पर जातीय गाली-गलौज, धमकी देने और जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने चंदवा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और त्वरित एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग की है।
वैध दस्तावेज के बावजूद कब्जे की कोशिश
रंजीत उरांव ने बताया कि वर्ष 2023 में खाता संख्या 16 के प्लॉट संख्या 417, 379, 465, 468, कुल 1.98 एकड़ जमीन ग्राम बोरसीदाग, थाना चंदवा अंतर्गत स्थित, उन्होंने कंदरी देवी (पुत्री: चैतु उरांव) से रजिस्ट्री संख्या 26800/2023 के माध्यम से विधिवत खरीदी थी। इस जमीन का दाखिल-खारिज भी उनके नाम पर हुआ, और रसीद भी निर्गत किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस जमीन को लेकर मामला लातेहार उपायुक्त और अपर समाहर्ता के समक्ष भी गया था, जहां से निर्णय उनके पक्ष में आया है।
जातिसूचक गालियों और धमकी की भी शिकायत
रंजीत उरांव ने संजय कुमार गुप्ता (पिता: स्व. देवनारायण साहू) और निखील प्रसाद (पिता: उमेश प्रसाद) पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर विवाद खड़ा कर रहे हैं और बदनीयती से जमीन पर निर्माण कराने की कोशिश कर रहे हैं।
जब उन्होंने इसका विरोध किया तो दोनों ने उन्हें “कोल्ह-भुरंग” और “नीच कोल्ह-किराट” कहकर जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी उन्हें आदिवासी और कमजोर समझ कर दबाव बना रहे हैं।
पीड़ित ने मांगी सुरक्षा और कार्रवाई
रंजीत उरांव ने थाना प्रभारी से प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनकी जान और जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
थाना सूत्रों के अनुसार, पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच जारी है। प्राथमिक जांच के बाद आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
न्यूज़ देखो: आदिवासी हितों की रक्षा और न्याय सुनिश्चित हो
यह घटना बताती है कि जमीन विवादों में जातीय उत्पीड़न एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। न्यूज़ देखो यह मांग करता है कि प्रशासन इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे, ताकि आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा हो सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
न्याय की उम्मीद में दर-दर भटकता आम आदमी
आदिवासी समाज का एक हिस्सा आज भी संविधान प्रदत्त अधिकारों को पाने के लिए संघर्षरत है। यदि प्रशासन समय पर हस्तक्षेप न करे तो ऐसे मामलों में सामाजिक न्याय की उम्मीद धूमिल हो जाती है। आइए, अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाएं और पीड़ित को न्याय दिलाने में साथ दें।