#गढ़वा #प्रधानमंत्रीआवासघोटाला : चित्तविश्राम पंचायत के बरडीहा गांव में सामने आया गंभीर मामला — ग्रामीणों ने कहा, पैसे न देने पर हटाया गया नाम
- PMAY में नाम जुड़वाने के नाम पर गरीबों से मांगी गई घूस
- पक्के मकान वाले अपात्र लोगों को भी दिया गया योजना का लाभ
- सूची तैयार करने में बिचौलियों का मनमाना हस्तक्षेप, पारदर्शिता गायब
- पहले भी SDM से की गई शिकायत, कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीण नाराज
- ग्रामीणों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग
बरडीहा गांव में उजागर हुआ आवास योजना का बड़ा घोटाला
गढ़वा जिले के नगर उंटारी प्रखंड अंतर्गत चित्तविश्राम पंचायत के बरडीहा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन को लेकर भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों और लाभुकों ने इस संबंध में उपायुक्त दिनेश यादव और जिला उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को एक लिखित आवेदन सौंपते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि योजना में नाम जोड़वाने के नाम पर गांव के बिचौलियों द्वारा ग़रीब लाभार्थियों से अवैध पैसे की मांग की गई। जिन लोगों ने पैसे देने से इनकार किया, उनके नाम सूची से हटा दिए गए, जबकि अपात्र लोगों, जिनके पास पहले से ही पक्का मकान है, को गलत तरीके से लाभ दे दिया गया।
बिचौलियों ने बनाई फर्जी सूची, डराकर हटवाए नाम
ग्रामीणों का कहना है कि योजना की पात्रता सूची पर बिचौलियों का पूरी तरह कब्जा हो गया है। कोई ग्राम सभा नहीं हुई, न ही पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। बिचौलियों ने पहले तो लोगों से कहा कि वे उन्हें योजना में लाभ दिला सकते हैं, फिर उनसे पैसे की मांग की। पैसे नहीं देने पर उन्हें डराया-धमकाया गया और सूची से नाम हटा दिए गए।
ग्रामीणों ने आवेदन में लिखा: “हमने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमें मजबूरी में उपायुक्त के पास जाना पड़ा।”
पहले भी दी गई थी शिकायत, कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में रोष
यह मामला नया नहीं है। ग्रामीणों ने पहले भी अनुमंडल पदाधिकारी बंशीधर नगर को इस भ्रष्टाचार की शिकायत सौंपी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में न्याय की उम्मीद लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त से गुहार लगाई है। आवेदन में ग्रामीणों ने यह भी अनुरोध किया है कि पारदर्शी जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पात्र लोगों को उनका हक दिलाया जाए।
ग्रामीण प्रतिनिधि संतोष कुमार ने कहा: “प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे जनहितकारी योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। जिनके पास रहने को छत नहीं, वे दर-दर भटक रहे हैं।”
प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद, ज़मीनी स्तर पर बढ़ा आक्रोश
बरडीहा गांव के इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी योजनाएं वास्तव में ज़रूरतमंदों तक पहुँच रही हैं? यदि नहीं, तो बिचौलियों की भूमिका और प्रशासन की निष्क्रियता इसके लिए कितनी जिम्मेदार है?
अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन इस गंभीर आरोप को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या ऐसे भ्रष्ट तंत्र को तोड़ने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाते हैं।
न्यूज़ देखो: सिस्टम में छिपे भ्रष्टाचार को उजागर करती आवाज
न्यूज़ देखो इस खुलासे को बेहद गंभीर मानता है। PM आवास योजना, जो गरीबों के लिए जीवन की बुनियादी सुविधा देने के लिए चलाई जाती है, यदि बिचौलियों और भ्रष्टाचारियों के हवाले कर दी जाए तो यह नीतियों और न्याय का उपहास बन जाता है।
न्यूज़ देखो जिला प्रशासन से मांग करता है कि इस प्रकरण में तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उनका हक दिलाया जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिक बनें, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं
हम सभी की जिम्मेदारी है कि जब भी किसी योजना में अनियमितता दिखे, हम मौन दर्शक न बनें। अपने हक के लिए आगे आएं, सच्चाई को उजागर करें और एक सशक्त समाज निर्माण में सहयोग दें।
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