
#बरवाडीह #भूमि_विवाद : नावाटोली और किनी गांव के दलित परिवारों ने अतिक्रमण और धमकियों की शिकायत दर्ज कराई, प्रशासन से न्याय की गुहार तेज
- प्रमोद कुमार रवि ने बताया कि उनकी जमीन पर रामकृष्ण चंद्रवंशी के परिवार ने कब्जा कर शौचालय टंकी का निर्माण शुरू किया।।
- किनी गांव की कौशल्या कुंवर और उनकी पोती वर्षा कुमारी ने भी दबंगों पर घर बनाने और जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाया।।
- आरोपियों में दीनानाथ चौरसिया, शुभम चौरसिया, सकेंद्र महतो, आनंद चौरसिया के नाम सामने आए हैं।।
- पीड़ितों ने शिकायतें चैनपुर थाना, एससी-एसटी थाना मेदिनीनगर और पुलिस अधीक्षक पलामू को दीं, पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई।।
- अजय सिंह चेरो ने चेतावनी दी कि दलित परिवारों को न्याय न मिलने पर आंदोलन तेज होगा।।
बरवाडीह और चैनपुर प्रखंड के दलित परिवारों ने अपनी जमीन पर कथित अतिक्रमण और दबंगई के खिलाफ आवाज बुलंद की है। कई बार थाना और उच्च अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से पीड़ित परिवार न्याय की गुहार के लिए आजाद समाज पार्टी के नेताओं तक पहुंचे।
प्रमोद कुमार रवि का मामला
नावाटोली निवासी प्रमोद कुमार रवि (पिता सकलू राम) ने बताया कि उनकी जमीन पर रामकृष्ण चंद्रवंशी के परिवार ने वर्षों से कब्जा कर रखा है और अब वहां शौचालय टंकी का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को शिकायत दी थी, लेकिन कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
प्रमोद कुमार रवि ने कहा: “मेरी जमीन पर दबंगई कर टंकी का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि हमने कई बार अधिकारियों को आवेदन देकर रोकने की मांग की।”
किनी गांव का विवाद
किनी ग्राम, चैनपुर प्रखंड की कौशल्या कुंवर और उनकी पोती वर्षा कुमारी ने भी बताया कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने खरीद दिखाकर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया। विरोध करने पर उन्हें जातिसूचक गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई।
आरोपियों में दीनानाथ चौरसिया, शुभम चौरसिया, सकेंद्र महतो और आनंद चौरसिया का नाम शामिल है। पीड़ितों के अनुसार आरोपी लाठियों और लोगों के साथ पहुंचे थे।
प्रशासन तक पहुँची शिकायतें
पीड़ितों ने चैनपुर थाना, एससी-एसटी थाना मेदिनीनगर और पुलिस अधीक्षक पलामू को आवेदन दिए हैं। इसके अलावा नगर आयुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी को भी कई बार गुहार लगाई गई। बावजूद इसके अब तक ठोस कार्रवाई न होने से पीड़ित परिवार हताश हैं।
आजाद समाज पार्टी का रुख
प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक प्रत्याशी अजय सिंह चेरो ने पीड़ितों से मुलाकात कर प्रशासन को कड़ा संदेश दिया।
अजय सिंह चेरो ने कहा: “दलित परिवारों की जमीन से अवैध कब्जा तुरंत हटाया जाए, वरना हम मजबूरन आंदोलन करेंगे।”
उन्होंने कहा कि भूमाफियाओं पर कार्रवाई कर प्रशासन को निष्पक्षता दिखानी होगी।
सामाजिक और कानूनी पहलू
कानूनन दलित परिवारों को मिली जमीन न तो खरीदी-बेची जा सकती है और न ही जबरन कब्जा किया जा सकता है। इसके बावजूद लगातार विवाद सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तत्काल जमीन सर्वे, दस्तावेजों की जांच और पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भविष्य में विवाद न बढ़े।
न्यूज़ देखो: न्याय में देरी का असर जनता के विश्वास पर
यह मामला दिखाता है कि दलित परिवारों के भूमि विवाद में त्वरित कार्रवाई न होने से समाज में आक्रोश पनपता है। प्रशासन को चाहिए कि वह बिना देरी के पीड़ित परिवारों की जमीन पर से कब्जा हटाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
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अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करें
समाज तभी सुरक्षित रहेगा जब हर नागरिक न्याय के लिए सजग रहेगा। यदि आपके क्षेत्र में भी किसी परिवार के साथ अन्याय हो रहा है तो आवाज उठाइए, अधिकारियों को लिखित सूचना दीजिए और इस खबर को साझा कर न्याय की मांग को मजबूत कीजिए।