- 13 जनवरी रात को अल्पसंख्यक मंत्री हाफिजुल हसन का गिरिडीह में आगमन।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
- अल्पसंख्यक समुदाय की प्रमुख मांगों में जुम्मे की नमाज के लिए छुट्टी और उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश की मांग शामिल।
- मंत्री ने इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम का विवरण
13 जनवरी को झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री हाफिजुल हसन का गिरिडीह में आगमन हुआ। इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कई नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
समुदाय के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
मंत्री हाफिजुल हसन ने बैठक के दौरान स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय की कई अहम मांगों पर ध्यान दिया। इस दौरान उन्होंने चाय का आनंद लिया और उपस्थित लोगों से उनकी समस्याओं को सुना।
समुदाय की प्रमुख मांगें
- जुम्मे की नमाज के लिए छुट्टी: अल्पसंख्यक समुदाय ने मांग की कि सभी मुस्लिम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को हर शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए छुट्टी दी जाए।
- उर्दू स्कूलों में जुम्मे के दिन छुट्टी: मुस्लिम समुदाय ने यह भी आग्रह किया कि राज्य के सभी उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी घोषित की जाए।
मंत्री का आश्वासन
मंत्री हाफिजुल हसन ने इन मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के हितों को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने यह भी कहा कि इन मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श कर जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
झामुमो नेताओं की प्रतिक्रिया
झामुमो के वरिष्ठ नेताओं ने मंत्री हाफिजुल हसन का धन्यवाद किया और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय को न्याय और सहयोग मिलेगा।
कार्यक्रम में मौजूद नेता
इस कार्यक्रम में पार्टी के नेता फरदीन अहमद, इरशाद अहमद वारिस, नौशाद अहमद, नूर अहमद समेत कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
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