हाइलाइट्स :
- गैंगस्टर अमन साहू का पलामू में 11 मार्च को हुआ एनकाउंटर।
- युवाओं में गैंगस्टरों को लेकर बढ़ती रील और फॉलोअर्स की संख्या पर ब्रेक।
- युवा नेताओं और स्थानीय लोगों ने एनकाउंटर को सही संदेश करार दिया।
- सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों को फॉलो करने वालों की सक्रियता में गिरावट।
एनकाउंटर के बाद बदली धारणा
पलामू: गैंगस्टरों के प्रति युवाओं की दीवानगी सोशल मीडिया पर साफ दिखती रही है। अमन साहू के हजारों फॉलोअर्स थे, जो उसके नाम पर रील और पोस्ट बनाकर उसे ग्लोरिफाई कर रहे थे। लेकिन 11 मार्च को एनकाउंटर के बाद युवाओं की सोच में बदलाव देखने को मिल रहा है।
“युवाओं को समझना चाहिए कि सफलता का शॉर्टकट हमेशा गलत होता है। एनकाउंटर से सही संदेश गया है।” – मणिकांत सिंह, युवा कांग्रेस नेता
युवाओं की सोशल मीडिया सक्रियता में गिरावट
एनकाउंटर से पहले अमन साहू और उसके गैंग से जुड़े पोस्ट और रील तेजी से वायरल होते थे।
अब स्थानीय युवाओं की सक्रियता कम हो गई है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि डर और हकीकत का एहसास अब होने लगा है।
“पहले गैंगस्टरों के फॉलोअर्स तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन एनकाउंटर के बाद पोस्ट कम हो गए हैं।” – रोहित कुमार, पलामू निवासी
अपराध का अंत, लेकिन संदेश बाकी
अमन साहू गैंग का नेटवर्क पलामू सहित झारखंड के कई इलाकों में फैला हुआ था।
एनकाउंटर से गैंगस्टरों के समर्थकों को बड़ा संदेश मिला है कि अपराध का अंत हमेशा बुरा होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं को गैंगस्टरों की झूठी शान से दूर रहना चाहिए और सही दिशा में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र हर पहल पर
क्या इस एनकाउंटर के बाद गैंगस्टरों की ग्लोरिफिकेशन संस्कृति खत्म होगी?
युवा सोशल मीडिया पर अब किस दिशा में आगे बढ़ेंगे?
‘न्यूज़ देखो’ हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।