Garhwa

जुलूस के हुजूम में दिखी भाईचारे की मिसाल, विशुनपुरा में मोहर्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न

Join News देखो WhatsApp Channel
#विशुनपुरा #मोहर्रम_जुलूस — हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बने इस आयोजन में परंपरागत ताजिया और सिफड़ मिलान कार्यक्रम भी हुआ।
  • फैजुल इस्लाम कमेटी, अंजुमन कमेटी, पतहरिया कमेटी ने निकाला ताजिया जुलूस
  • गांधी चौक पर हुआ विभिन्न गांवों के ताजिया और सिफड़ का पारंपरिक मिलान
  • कोचेया, महुली, अमहर होते हुए करबलाह पर हुआ पहलाम
  • हिंदू समुदाय द्वारा तैयार कदमी सिफड़ जुलूस में सबसे आगे रहा
  • प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था पूरे जुलूस मार्ग पर मुस्तैद रही
  • सैकड़ों लोगों की भागीदारी, लाठी-तलवारबाजी के करतबों ने खींचा ध्यान

मोहर्रम जुलूस में भाईचारे और परंपरा का संगम

रविवार को विशुनपुरा, पतिहारी, पिपरी कला, मधुरी, अमहर और नवाडीह से विभिन्न कमेटियों द्वारा पारंपरिक ताजिया और सिफड़ के साथ मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस दौरान जुलूस पुरानी बाजार से गांधी चौक पहुंचा, जहां सभी गांवों के ताजिया और झंडों का आपसी मिलान कराया गया।

इसके बाद जुलूस कोचेया और महुली गांव होते हुए अमहर के करबलाह तक पहुंचा, जहां पहलाम कर आयोजन संपन्न हुआ। इस दौरान “या अली”, “या हुसैन” के नारों से वातावरण गूंज उठा।

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बना कदमी सिफड़

मोहर्रम के इस आयोजन में एक विशेष परंपरा भी देखने को मिली, जहां हिंदू समुदाय द्वारा तैयार किया गया कदमी सिफड़ जुलूस में सबसे आगे चलता है। इसके बाद विभिन्न गांवों से आए ताजिया, झंडे और सिफड़ से उसका मिलान किया जाता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जो इस पर्व को धार्मिक सौहार्द्र और आपसी सम्मान का जीवंत उदाहरण बनाती है।

करतबों और श्रद्धा से भरा जुलूस

जुलूस में शामिल बूढ़े, बच्चे और युवाओं ने लाठी, डंडा और तलवारबाजी के शानदार करतब दिखाए। जगह-जगह लोगों ने जुलूस का स्वागत किया और श्रद्धा से सिर नवाया।

प्रशासनिक सतर्कता और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

जुलूस के दौरान विशुनपुरा प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए हर चौक-चौराहे पर बल की तैनाती की गई थी। इस शांतिपूर्ण आयोजन में जिलापरिषद सदस्य शंभूराम चंद्रवंशी, ऐनुल अंसारी, मुन्ना अंसारी, लतीफ अंसारी, आलम बाबू, हसमत अंसारी, यासीन अंसारी, मुबारक अंसारी, उलफत अंसारी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: पर्व के बहाने एकता की मिसाल बनी विशुनपुरा

विशुनपुरा का मोहर्रम सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और सांस्कृतिक मेलजोल की शानदार मिसाल है। यहां की कदमी सिफड़ परंपरा बताती है कि एकता और सम्मान से बड़ी कोई आस्था नहीं होती। ‘न्यूज़ देखो’ इस सौहार्द्र और सामाजिक समरसता को सलाम करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए आगे बढ़ें, एक साथ

धार्मिक आयोजनों को भाईचारे और साझा परंपरा में बदलने की जिम्मेदारी हम सभी की है। आइए इस सकारात्मक परंपरा को साझा करें, उस पर चर्चा करें और अपने आस-पास ऐसे उदाहरणों को बढ़ावा दें।
अपने विचार हमें बताएं, इस खबर को रेट करें और उन दोस्तों के साथ साझा करें जो इस मिसाल को जानना चाहते हैं।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 5 / 5. कुल वोट: 1

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

20250923_002035
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: