
#जमुआ #स्वास्थ्य_शिविर — पंचायत मुखिया की पहल पर ग्रामीणों को मुफ्त इलाज और दवा की सुविधा
- सियाटांड़ पंचायत में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया
- गोवर्धन लाल नर्सिंग होम, गिरिडीह की डॉक्टरों की टीम ने किया स्वास्थ्य परीक्षण
- मरीजों को मुफ्त दवाएं वितरित की गईं, महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या अधिक रही
- डॉक्टरों ने स्वच्छता और पर्यावरण को लेकर किया जागरूकता अभियान
- ग्रामीणों ने कहा: ऐसे शिविर नियमित रूप से लगाए जाएं, यह स्वास्थ्य जागरूकता का भी माध्यम है
पंचायत स्तर पर सराहनीय पहल
गिरिडीह जिला अंतर्गत जमुआ प्रखंड के सियाटांड़ पंचायत में रविवार को एक सराहनीय सामाजिक पहल के तहत गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की पहल पंचायत मुखिया द्वारा की गई थी, जिससे क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों को लाभ मिला।
डॉक्टरों की टीम ने की हर उम्र के मरीजों की जांच
शिविर में गोवर्धन लाल नर्सिंग होम, गिरिडीह से आई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की। जांच के दौरान महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की संख्या ज्यादा रही। टीम ने ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सामान्य बुखार, कमजोरी, सांस की समस्या आदि बीमारियों की जाँच की और उसी के अनुरूप मुफ्त दवाएं भी दी गईं।
इलाज के साथ-साथ जागरूकता भी
डॉक्टरों की टीम ने न केवल इलाज किया, बल्कि स्वच्छता, साफ-सफाई और स्वच्छ पर्यावरण के महत्व को लेकर भी ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि स्वच्छता से ही अधिकतर बीमारियों से बचा जा सकता है और गांव की सफाई का जिम्मा हर नागरिक को लेना चाहिए।
ग्रामीणों ने जताया आभार, रखी नियमित आयोजन की मांग
स्वास्थ्य शिविर से लाभान्वित हुए स्थानीय ग्रामीणों ने पंचायत मुखिया और डॉक्टरों की टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर से न केवल इलाज होता है, बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति समझ भी विकसित होती है। ग्रामीणों ने प्रशासन और पंचायत से नियमित रूप से ऐसे शिविर आयोजित करने की मांग की ताकि समय-समय पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण होता रहे।
न्यूज़ देखो: जब पंचायत बनें जनसेवा की मिसाल
गांव-देहात के लोग अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं, लेकिन जब पंचायतें और स्थानीय नेतृत्व इस तरह की प्राकृतिक और जनकल्याणकारी पहल करते हैं, तो वाकई समाज को नई दिशा मिलती है। सियाटांड़ में लगे इस शिविर ने दिखा दिया कि इच्छाशक्ति और सामूहिक सहयोग से बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। न्यूज़ देखो ऐसी सकारात्मक कोशिशों को सामने लाकर, गांव-गांव तक स्वास्थ्य और जागरूकता की अलख जगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में यह एक छोटा लेकिन प्रभावी कदम है। नागरिकों को चाहिए कि वे इस तरह के शिविरों में सक्रिय भागीदारी करें और अपने आस-पास के लोगों को भी प्रेरित करें। इस खबर पर अपने विचार कमेंट करें, इसे रेट करें और अपने परिचितों के साथ जरूर साझा करें ताकि इस पहल से और लोग जुड़ सकें।