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मानवता की मिसाल: गढ़वा में मोक्ष संस्था ने 34वें अज्ञात शव का किया सम्मानजनक अंतिम संस्कार

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#गढ़वा #मानवताकीमिसाल : सेवा ही सच्चा धर्म — मोक्ष संस्था ने समाज द्वारा भुलाए गए अज्ञात मृतक को गरिमा के साथ दी अंतिम विदाई
  • 34वें अज्ञात शव का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया
  • कंचन साहू, अमित कश्यप, ललन सोनी सहित कई सदस्य रहे मौजूद
  • सेवा, करुणा और सम्मान के साथ निभाई गई अंतिम यात्रा
  • स्थानीय लोगों ने संस्था के प्रयास को बताया प्रेरणादायक
  • मोक्ष संस्था का उद्देश्य: हर बेसहारा को दिलाना गरिमामयी विदाई

इंसानियत के धर्म को निभाते हुए मोक्ष संस्था ने दी अंतिम विदाई

गढ़वा: सामाजिक सेवा को अपना धर्म मानने वाली मोक्ष संस्था ने एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश की। संस्था के सदस्यों ने एक अज्ञात शव का पूरे धार्मिक रीति-रिवाज और सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। यह संस्था की 34वीं अंतिम यात्रा थी, जो मानवता और करुणा की भावना से संपन्न की गई।

श्रद्धा, सेवा और मौन प्रार्थना के साथ अंतिम संस्कार

इस पुण्य कार्य में संस्था के कर्मठ सदस्य कंचन साहू, अमित कश्यप, विनय कश्यप, ललन सोनी सहित कई अन्य सेवाभावी लोग उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर विधिपूर्वक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को संपन्न किया और मृत आत्मा की शांति के लिए मौन प्रार्थना की। इस प्रयास ने यह संदेश दिया कि बिना पहचान वाले मृतक भी समाज का हिस्सा हैं और उन्हें भी सम्मान मिलना चाहिए

समाज के लिए प्रेरणा बना मोक्ष संस्था का कार्य

स्थानीय समाजसेवियों और नागरिकों ने मोक्ष संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल सेवा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और जागरूक समाज की पहचान है। अज्ञात और बेसहारा व्यक्तियों को अंतिम सम्मान देना ऐसा कार्य है जिसे हर किसी के लिए प्रेरणा माना जाना चाहिए।

स्थानीय निवासी रवि वर्मा ने कहा: “मोक्ष संस्था का कार्य समाज में करुणा और इंसानियत की लौ जलाए रखता है। आज जब लोग अपनों को भी छोड़ देते हैं, ऐसे में यह प्रयास वाकई सराहनीय है।”

मोक्ष संस्था की सेवाएं बनीं आदर्श

मोक्ष संस्था का उद्देश्य केवल अंतिम संस्कार करना नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति को गरिमा देना है जिसे समाज ने भुला दिया है। संस्था की यह सेवा उन्हें एक आदर्श सामाजिक संगठन के रूप में स्थापित करती है, जो मृत्यु के बाद भी मानवता का धर्म निभा रहा है।

न्यूज़ देखो: जब सेवा बन जाए संस्कार

गढ़वा की मोक्ष संस्था यह साबित कर रही है कि सेवा केवल जीवन तक सीमित नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी सम्मान देना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
न्यूज़ देखो ऐसे प्रयासों को समाज के लिए एक प्रकाश स्तंभ मानता है और अपील करता है कि हर क्षेत्र में ऐसी संस्थाएं आगे आएं जो करुणा, सेवा और सम्मान की संस्कृति को जीवित रखें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सेवा में ही है समाज की सच्ची पहचान

सिर्फ बोलने से नहीं, जमीन पर उतरकर सेवा करने से ही समाज बदलता है।
यदि आप भी किसी संस्था या समूह से जुड़कर मानवता के इस अभियान में भाग लेना चाहते हैं, तो यह समय है।
इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दें, शेयर करें और मोक्ष संस्था जैसे प्रयासों को आगे बढ़ाएं।

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