Giridih

सूड़ी समाज की एकजुटता की मिसाल, नेत्रहीन परिवार को मिला सहयोग और संबल

#गिरिडीह #सामाजिक_एकजुटता : जीतपुर पंचायत के जोभी गांव में सूड़ी समाज ने पीड़ित परिवार की मदद की।

गिरिडीह जिले के जीतपुर पंचायत अंतर्गत जोभी गांव में सूड़ी समाज ने सामाजिक एकजुटता और मानवीय संवेदना की मिसाल पेश की। राष्ट्रीय सूड़ी समाज के जिला अध्यक्ष कार्तिक मंडल के नेतृत्व में समाज ने नेत्रहीन महेंद्र मंडल के परिवार को राहत सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान राशन, गर्म कपड़े और अन्य आवश्यक सामान सौंपे गए। कार्यक्रम का उद्देश्य संकट की घड़ी में पीड़ित परिवार को सहारा देना और प्रशासन का ध्यान पुनर्वास की ओर आकृष्ट करना रहा।

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  • जोभी गांव, जीतपुर पंचायत में सूड़ी समाज का सहायता कार्यक्रम आयोजित।
  • नेत्रहीन महेंद्र मंडल के परिवार को राहत सामग्री प्रदान।
  • राष्ट्रीय सूड़ी समाज के जिला अध्यक्ष कार्तिक मंडल ने किया नेतृत्व।
  • युवा जिला अध्यक्ष दीपक मंडल और सदर प्रखंड अध्यक्ष भुनेश्वर मंडल रहे मौजूद।
  • वन विभाग से ध्वस्त घर के पुनर्निर्माण की मांग।

गिरिडीह जिले के जीतपुर पंचायत अंतर्गत जोभी गांव में सूड़ी समाज द्वारा किया गया यह कार्यक्रम सामाजिक जिम्मेदारी और आपसी सहयोग का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया है। समाज ने यह साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में संगठित प्रयास किस तरह पीड़ित परिवार के जीवन में राहत और उम्मीद ला सकता है।

नेत्रहीन महेंद्र मंडल के परिवार के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही सूड़ी समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों ने त्वरित पहल करते हुए सहायता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज ने यह संदेश दिया कि किसी भी विपत्ति में कमजोर और असहाय लोगों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।

संकट में परिवार के साथ खड़ा हुआ समाज

राष्ट्रीय सूड़ी समाज के जिला अध्यक्ष कार्तिक मंडल के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में पीड़ित परिवार को राशन सामग्री, गर्म कपड़े, जूते सहित अन्य आवश्यक घरेलू सामान प्रदान किए गए। ठंड के मौसम को देखते हुए गर्म कपड़ों की व्यवस्था को विशेष प्राथमिकता दी गई, ताकि परिवार को तत्काल राहत मिल सके।

कार्यक्रम के दौरान समाज के सदस्यों ने महेंद्र मंडल और उनके परिजनों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा और आगे भी हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

जिला अध्यक्ष कार्तिक मंडल ने कहा: “सूड़ी समाज हमेशा से एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ खड़ा रहा है। महेंद्र मंडल का परिवार आज जिस परिस्थिति से गुजर रहा है, उसमें समाज का दायित्व है कि हम उनके साथ मजबूती से खड़े रहें।”

समाज के पदाधिकारियों और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी

इस सहायता कार्यक्रम में सूड़ी समाज के कई पदाधिकारी और समाजसेवी उपस्थित रहे। युवा जिला अध्यक्ष दीपक मंडल, सदर प्रखंड अध्यक्ष भुनेश्वर मंडल, चंद्रशेखर मंडल, सुखदेव मंडल, मनोज मंडल, गणेश मंडल, प्रकाश मंडल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की सहभागिता रही।

सभी ने मिलकर न केवल राहत सामग्री वितरण में सहयोग किया, बल्कि पीड़ित परिवार के मनोबल को भी मजबूत करने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह के सामाजिक प्रयास आपसी भाईचारे को और सुदृढ़ बनाते हैं।

प्रशासन के सहयोग के लिए आभार

सूड़ी समाज गिरिडीह की ओर से इस अवसर पर जिला प्रशासन और उपायुक्त महोदय को भी धन्यवाद दिया गया। समाज ने कहा कि प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री से पीड़ित परिवार को काफी मदद मिली है।

साथ ही समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से यह अपेक्षा जताई कि पीड़ित परिवार को दीर्घकालिक सहायता और पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि वे दोबारा सम्मानजनक जीवन जी सकें।

वन विभाग से पुनर्निर्माण की मांग

कार्यक्रम के दौरान सूड़ी समाज ने वन विभाग से भी स्पष्ट मांग की कि पीड़ित परिवार का जो घर ध्वस्त हो गया है, उसके बदले जल्द से जल्द नए घर का पुनर्निर्माण कराया जाए।

समाज का कहना है कि नेत्रहीन महेंद्र मंडल के लिए सुरक्षित आवास बेहद जरूरी है, क्योंकि सीमित संसाधनों और शारीरिक असमर्थता के कारण उनके लिए स्वयं व्यवस्था कर पाना कठिन है।

सदर प्रखंड अध्यक्ष भुनेश्वर मंडल ने कहा: “प्रशासन और वन विभाग अगर मिलकर पुनर्निर्माण की पहल करें तो यह परिवार फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकता है।”

समाज से सहयोग की अपील

कार्यक्रम के अंत में सूड़ी समाज की ओर से सभी समाजसेवियों और आम लोगों से अपील की गई कि वे इस नेत्रहीन परिवार की मदद के लिए आगे आएं। चाहे वह आर्थिक सहायता हो, श्रमदान हो या प्रशासनिक सहयोग के लिए आवाज उठाना— हर तरह का सहयोग इस परिवार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

समाज के सदस्यों ने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही किसी जरूरतमंद को स्थायी राहत मिल सकती है।

न्यूज़ देखो: समाज की भूमिका ने दिखाई मानवीय ताकत

जोभी गांव में सूड़ी समाज का यह प्रयास बताता है कि सामाजिक संगठन अगर संवेदनशीलता के साथ आगे आएं तो वे प्रशासनिक प्रयासों को भी मजबूती दे सकते हैं। यह घटना सवाल उठाती है कि क्या ऐसी पहल को संस्थागत रूप देकर और परिवारों तक पहुंचाया जा सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संकट में साथ खड़े होना ही असली समाज सेवा है

जब समाज किसी कमजोर परिवार का सहारा बनता है, तब मानवता जीवित नजर आती है। ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर आप भी इस परिवार की मदद करना चाहते हैं या ऐसे सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं, तो अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और सहयोग की भावना को आगे बढ़ाएं।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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