
#गढ़वा #Team_Daulat : ज़रूरतमंदों की मदद में फिर आगे आए युवाओं के नायक — टीम दिल का दौलत ने दिखाई सेवा की जीवंत तस्वीर
- चार अलग-अलग मरीजों के लिए O+ और B+ रक्तदान किया गया।
- अश्विन (पंडा जी), चंदन, बादल और आशीष ने निभाई सेवा की ज़िम्मेदारी।
- रात में अस्पताल पहुँचकर टीम ने संवेदनशीलता से निभाया कर्तव्य।
- नीरज कुमार जैसे नए साथी भी अब टीम दौलत के भावनात्मक आंदोलन का हिस्सा।
- संयोजक दौलत सोनी के नेतृत्व में समाजसेवा बन रही है प्रेरक लहर।
इंसानियत के लिए रात-दिन एक करने वाली टीम
गढ़वा में जब भी ज़रूरतमंदों को मदद की दरकार होती है, टीम दिल का दौलत के युवा स्वयंसेवक बिना किसी प्रचार के मदद के लिए पहुँच जाते हैं। ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण सोमवार को सामने आया, जब चार अलग-अलग मरीजों के लिए इस टीम के युवाओं ने रक्तदान कर नई उम्मीदें जगाईं।
टीम दौलत के सदस्य अश्विन उर्फ पंडा जी ने O+ रक्तदान कर किसी अनजान ज़रूरतमंद की जान बचाई। उनका यह योगदान दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया। वहीं बादल ठाकुर ने एक महिला मरीज की गंभीर हालत को समझते हुए B+ रक्तदान किया। यह प्रक्रिया रात के समय अस्पताल में टीम के साथियों की उपस्थिति में बेहद संवेदनशीलता और सजगता से पूरी की गई।
बिना स्वार्थ, सिर्फ सेवा का संकल्प
चंदन मेहता ने भी O+ रक्तदान कर यह दिखाया कि टीम दौलत का हर सदस्य हर समय मदद के लिए तैयार है। आशीष ठाकुर ने एक अजनबी के लिए B+ रक्तदान कर मानवीय संवेदना की गहरी मिसाल पेश की।
रक्तदान की इस सेवा में विशाल कुमार, हिमांशु बघैल और नीरज कुमार समेत अन्य सदस्य संवेदनशीलता और समर्पण के साथ उपस्थित रहे।
छोटे शहर से बड़ा संदेश: बदलाव खुद से शुरू होता है
गढ़वा जैसे छोटे शहर में जब युवा खुद आगे बढ़कर इंसानियत निभाते हैं, तो वह न केवल एक राहत होती है, बल्कि एक सामाजिक क्रांति की नींव भी बनती है। टीम दौलत यही कर रही है — हर मौके पर बिना शोर के, सिर्फ ज़िम्मेदारी के साथ खड़ी हो रही है।
दौलत सोनी, संयोजक टीम दौलत ने कहा: “हम सिर्फ रक्त नहीं देते, एक रिश्ता जोड़ते हैं। जब तक एक भी ज़रूरतमंद हमारी सहायता से राहत पा सकता है, तब तक हमारी सेवा जारी रहेगी।”




न्यूज़ देखो: सेवा की सच्ची परिभाषा बनी टीम दौलत
टीम दौलत का यह प्रयास सिर्फ एक रक्तदान अभियान नहीं बल्कि समाज की भावनात्मक ज़रूरतों का जवाब है। दौलत सोनी और उनके साथी यह साबित कर रहे हैं कि मानवता दिखावे में नहीं, निःस्वार्थ सेवा में होती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बदलाव लाना है तो शुरुआत आज और अभी से करें
यदि आपके आसपास कोई ज़रूरतमंद है या आप स्वयंसेवक बनना चाहते हैं, तो संकोच न करें।
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मानवता का दीपक जलाए रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।