Palamau

नदी में नहाने गया मासूम पानी में डूबा, दर्दनाक मौत से गांव में मातम

Join News देखो WhatsApp Channel
#पलामू #बालसुरक्षा : बाकी नदी बनी मौत का जाल—गरीब परिवार की खुशियां पलभर में हुईं खत्म
  • पांडू प्रखंड के कजरूखुर्द गांव में दर्दनाक हादसा।
  • 5 वर्षीय इंदल सिंह नदी में नहाने के दौरान डूबा।
  • परिजनों पर टूटा गम का पहाड़, पिता अजीत सिंह मजदूर हैं।
  • शव को सदर अस्पताल डाल्टनगंज भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए।
  • जनप्रतिनिधियों ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।

पलामू जिले के पांडू प्रखंड के कजरूखुर्द गांव में मंगलवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। बाकी नदी में नहाने गए 5 वर्षीय मासूम इंदल सिंह की डूबकर मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।

कैसे हुआ हादसा?

घटना सुबह 7 बजे की है, जब इंदल सिंह अपने पड़ोसी बच्चों के साथ नदी में नहाने गया था। नहाने के दौरान अचानक वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। उसके साथ मौजूद छोटे बच्चे घबराकर तुरंत घर की ओर भाग गए। इस बीच नदी किनारे सब्जी धो रहे ग्रामीणों की नजर पानी में बहते बच्चे पर पड़ी। उन्होंने बच्चे को तुरंत बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।

गरीब परिवार पर टूटा गम का पहाड़

मृतक इंदल सिंह अजीत सिंह का छोटा बेटा था। अजीत सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनकी पत्नी मालती देवी और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 7 साल का है और हाल ही में उसका हाथ टूट गया था। ऐसे में इस घटना से परिवार की आर्थिक और मानसिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई है।

मृतक के पिता अजीत सिंह का कहना: “हम मजदूरी कर बच्चों को पालते हैं, अब मेरा बेटा मुझे छोड़कर चला गया। हम बर्बाद हो गए।”

प्रशासन और जनप्रतिनिधि पहुंचे घर

घटना की जानकारी मिलते ही सांसद प्रतिनिधि कृष्ण विजय सिंह, पूर्व मुखिया सुनील पांडे, भाजपा सदस्य लव कुमार विश्वकर्मा, पंकज पांडे, सतवीर सिंह, सिद्धेश्वर सिंह, और महेंद्र सिंह मृतक के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया और प्रशासन से आपदा विभाग से सहयोग राशि दिलाने का भरोसा दिलाया।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव

स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इंदल सिंह के शव को सदर अस्पताल डाल्टनगंज भेज दिया है, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

न्यूज़ देखो: लापरवाही या मजबूरी—कौन जिम्मेदार?

यह घटना एक बार फिर से सवाल खड़ा करती है कि आखिर क्यों हमारे गांवों में बच्चों के लिए सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती। हर साल नदियों और तालाबों में ऐसे हादसे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का आईना है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी

मासूम की मौत ने गांव और परिवार को झकझोर कर रख दिया है। अब समय है कि हम सब बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। ऐसी खबरें सिर्फ संवेदना जगाने के लिए नहीं, बल्कि बदलाव की पुकार हैं। अपनी राय नीचे कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि प्रशासन तक आपकी आवाज पहुंचे।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Tirthraj Dubey

पांडु, पलामू

Related News

Back to top button
error: