
#गढ़वा #शिवधोड़ा – श्रृंगार पूजा से महाआरती तक भक्तिमय माहौल में डूबा पूरा शहर
- सुबह श्रृंगार पूजा के साथ दिन की शुरुआत, रुद्राभिषेक और बेलपत्र अर्पण हुआ।
- भव्य नगर भ्रमण में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल, भगवान शिव पार्वती की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी।
- पूरे मार्ग में भक्ति गीतों और ढोल नगाड़ों की गूंज, महिलाओं की विशेष भागीदारी रही।
- शाम 7 बजे महाआरती और उसके बाद महा भंडारा, 161 किलो दूध से बनेगी खीर।
- सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम, कई गणमान्य लोगों के आने की संभावना।
गढ़वा के ऐतिहासिक शिवधोड़ा मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी पर आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और माहौल शिव भक्ति के रंग में पूरी तरह डूब गया। इस अवसर पर श्रृंगार पूजा, भव्य नगर भ्रमण, भजन कीर्तन, महाआरती और महा भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया।
शिवधोड़ा में सुबह से ही भक्तों का सैलाब
आज तड़के से ही श्रद्धालु शिवधोड़ा मंदिर पहुंचने लगे। मंदिर परिसर में ‘बम बम भोले’ के जयकारों की गूंज और घंटे घड़ियाल की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु बेलपत्र, गंगाजल और प्रसाद के साथ कतार में खड़े होकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक दिखे।
श्रृंगार पूजा और रुद्राभिषेक के साथ शुरुआत
दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे से 8 बजे तक श्रृंगार पूजा के साथ हुई। इस दौरान मुख्य पुजारी ने मंत्रोच्चार के बीच रुद्राभिषेक, बेलपत्र अर्पण और शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया। पूरे मंदिर परिसर में धूप, दीपक और फूलों की सुगंध से माहौल अलौकिक बन गया।
भव्य नगर भ्रमण में उमड़ा जनसैलाब
सुबह 9 बजे से 11 बजे तक भव्य नगर भ्रमण का आयोजन हुआ। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। विशेष बात यह रही कि महिलाओं की भारी भागीदारी देखने को मिली। सभी भक्त भगवा वस्त्रों में शिव भक्ति गीतों और ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए आगे बढ़ रहे थे।
नगर भ्रमण का मार्ग भी खास रहा। यात्रा शिवधोड़ा मंदिर से शुरू होकर गढ़देवी मंदिर, गढ़वा रेलवे स्टेशन और रामलला मंदिर तक पहुंची। रामलला मंदिर में विशेष पूजा के बाद यात्रा पुनः शिवधोड़ा मंदिर लौटी। इस पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भगवान शिव और माता पार्वती की सजीव झांकी रही, जिसे देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
एक श्रद्धालु ने कहा: “ऐसा भव्य आयोजन गढ़वा में आस्था का एक नया उदाहरण पेश करता है।”

शाम को भजन कीर्तन महाआरती और भंडारा
दिनभर चलने वाले आयोजनों की श्रृंखला में अब शाम को भक्ति का चरम देखने को मिलेगा। शाम 4 बजे से भजन कीर्तन शुरू होगा, जिसमें मंडली शिव भक्ति गीतों से वातावरण को और भी भक्तिमय बना देगी।
इसके बाद शाम 7 बजे महाआरती का आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
महाआरती के उपरांत महाभंडारा का आयोजन किया जाएगा। खास बात यह है कि भंडारे में 161 किलो दूध से खीर तैयार की जाएगी, जिससे भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा। भंडारे का आयोजन नवल किशोर यादव और कौशल किशोर यादव के सौजन्य से होगा।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति और प्रशासनिक तैयारियां
इस आयोजन में गोविंद गौंड, डॉ. वशिष्ठ कुमार, दिनानाथ पासी, अंकित कुमार (पोलू), सुमित पाल, संतोष गुप्ता, अनिल चंद्रवंशी, अनिकेत चंद्रवंशी, कौशल यादव, कमल यादव, बबलू यादव, देवेंद्र ठाकुर, शंकर माली, नैतिक, नीतीश, रंजीत कश्यप, राहुल सोनी और सिकंदर प्रजापति जैसे गणमान्य लोगों के आने की संभावना है।
श्रृंगार मंडली के नेतृत्व में कार्यक्रम का संचालन हो रहा है। साथ ही सुरक्षा, सफाई और भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
न्यूज़ देखो आस्था का संगम और प्रशासनिक तैयारी का उत्कृष्ट उदाहरण
गढ़वा के शिवधोड़ा मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी का यह भव्य आयोजन न सिर्फ धार्मिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि आस्था और प्रशासनिक समन्वय से कैसे एक शांतिपूर्ण और सफल कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। इस प्रकार की घटनाएं समाज को एकजुट करती हैं और हमारी सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
भक्ति में एकजुटता और सामाजिक समरसता का संदेश
सावन का यह पर्व न केवल भगवान शिव की उपासना का अवसर है, बल्कि सामाजिक समरसता और आपसी एकजुटता का प्रतीक भी है। ऐसे आयोजनों से समाज में सद्भाव और भाईचारा बढ़ता है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं और अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं।
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