
#पलामू_मूर्ति_चोरी #AmbedkarJayanti — 24 घंटे के अंदर स्थापित मूर्ति गायब, ग्रामीणों में आक्रोश
- पलामू के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के खरारपर गांव से नई स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति चोरी
- अंबेडकर जयंती के दिन ही प्रतिमा की गई थी स्थापना
- घटना के विरोध में ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, चोरों की गिरफ्तारी और मूर्ति पुनःस्थापन की मांग
- प्रशासन ने पहले भूमि विवाद सुलझाया था, अब मूर्ति चोरी से फिर तनाव
- स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात
जयंती के 24 घंटे के अंदर मूर्ति चोरी, इलाके में तनाव
पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत खरारपर गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी की घटना ने इलाके में तनाव और आक्रोश का माहौल बना दिया है।
यह प्रतिमा सोमवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर स्थापित की गई थी। मंगलवार सुबह जब गांववालों ने देखा कि प्रतिमा गायब है, तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
जपला-छतरपुर मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों का प्रदर्शन
गुस्साए ग्रामीणों ने जपला-छतरपुर मुख्य सड़क को घंटों जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की।
उनकी मुख्य मांग थी कि चोरों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और उसी स्थान पर नई प्रतिमा स्थापित की जाए।
“यह बाबा साहेब का अपमान है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस को जल्द कार्रवाई करनी होगी।” — प्रदर्शनकारी ग्रामीण
पूर्व भूमि विवाद भी बना कारण?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रतिमा स्थापना के समय भूमि को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसे प्रशासन ने सुलझा दिया था।
मगर अब प्रतिमा चोरी की घटना से विवाद और गहरा गया है।
स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा प्रशासन
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।
कुछ समय बाद ग्रामीणों को समझाकर जाम हटवाया गया, परंतु इलाके में अब भी तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
“घटना की जांच की जा रही है। जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी होगी और ग्रामीणों की मांगों पर उचित निर्णय लिया जाएगा।” — पुलिस अधिकारी, हुसैनाबाद
न्यूज़ देखो : सामाजिक सौहार्द की राह कठिन, पर जरूरी
इस तरह की घटनाएं सामाजिक सौहार्द और संवेदनशीलता को गहरी चोट पहुंचाती हैं।
बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अपमान मात्र मूर्ति की चोरी नहीं, बल्कि विचारों और संविधान के मूल्यों पर हमला है।
हमें एकजुट होकर शांति, न्याय और कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई की मांग करनी चाहिए।
न्यूज़ देखो अपील करता है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों को सांप्रदायिक रंग देने से बचें और संविधान के आदर्शों को आगे बढ़ाएं।
न्यूज़ देखो — जहां हर आवाज़ को सम्मान मिलता है।