हाइलाइट्स:
- स्थान: जमुआ, गिरिडीह
- प्रमुख घटना: जमुआ अंचल कार्यालय की समीक्षा
- निर्देश: 90 दिनों के अंदर दाखिल-खारिज, नहीं तो ₹250 जुर्माना
- नमांकन वाद: 524 मामले लंबित, शीघ्र निष्पादन के निर्देश
- भू-मापी मामले: 16 मामले लंबित, मापी शुल्क जमा नहीं होने के कारण
- परिशोधन: 30 मामले लंबित
- कृषि गणना: तृतीय चरण का कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्देश
जमुआ अंचल कार्यालय में समीक्षा बैठक
शुक्रवार को जमुआ अंचल कार्यालय गिरिडीह में एसी विजय सिंह ने विभिन्न लंबित वादों की समीक्षा की। उन्होंने अंचल कार्यालय को कड़ा निर्देश दिया कि सेवा का अधिकार अधिनियम-2011 का पालन हर हाल में किया जाए और 90 दिनों से अधिक समय तक लंबित मामलों पर ₹250 प्रति दिन जुर्माना लगाया जाएगा।
नामांतरण वादों का निष्पादन
जमुआ अंचल में कुल 524 नामांतरण वाद लंबित पाए गए। सभी राजस्व उप निरीक्षक को निर्देश दिया गया कि वे इन वादों का यथाशीघ्र निष्पादन करें। बिना आपत्ति वाले वाद 30 दिनों के अंदर और आपत्ति वाले 90 दिनों के अंदर निष्पादित किए जाएं। 90 दिनों से अधिक समय तक लंबित वादों पर जुर्माना लगाने की बात कही गई।
भू-मापी आवेदन और परिशोधन मामलों की समीक्षा
जमुआ अंचल में ऑनलाइन भू-मापी के 16 मामले लंबित पाए गए, जिनमें से 5 मामले 60 दिन से अधिक और 4 मामले 90 दिन से अधिक समय से लंबित थे। मापी शुल्क जमा नहीं करने के कारण 6 मामले लंबित रहे। इसके अलावा परिशोधन के 30 मामले भी लंबित पाए गए। सभी संबंधित अधिकारियों को इन मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।
RCMS और कृषि गणना की समीक्षा
अधोहस्ताक्षरी ने Revenue Court Management System (RCMS) की भी समीक्षा की और जनवरी माह में Causelist निर्गत न होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिया कि सप्ताह में दो दिन न्यायालय चलाए जाएं। साथ ही, कृषि गणना के तृतीय चरण को शीघ्र शुरू करने और पहले दो चरणों के भुगतान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
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