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गिरिडीह शहर में विश्वनाथ मंदिर में वार्षिक भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ लिया हिस्सा

#गिरिडीह #धार्मिक_आयोजन : बरगंडा स्थित विश्वनाथ मंदिर में शनिवार को मां दुर्गा के भंडारे और माला वितरण का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ।

गिरिडीह शहर के बरगंडा स्थित विश्वनाथ मंदिर में शनिवार को वार्षिक भंडारे का आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पूरे दिन भक्ति भाव के साथ प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के साथ मां दुर्गा को चढ़ाए गए 18 माला की डाक में उत्साह का माहौल देखने लायक था। अंततः सबसे अधिक बोली लगाने वाले श्रद्धालु को मां दुर्गा का चढ़ाया हुआ माला सौंपा गया।

भंडारे की विशेषताएँ

मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि यह भंडारा हर वर्ष दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं में भक्ति भाव और सामूहिक सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ाना है। कार्यक्रम के दौरान प्रसाद वितरण लगातार चलता रहा और उपस्थित लोगों ने श्रद्धा भाव से इसे ग्रहण किया।

श्रद्धालुओं की भागीदारी

इस अवसर पर शहर और आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रमुख उपस्थित व्यक्ति थे अजय बगेड़िया, दिनेश खेतान, रवि राज, दीपक मोदी, अनिल मिश्रा, गोपाल संथालिया, लखी प्रसाद गोरीसरिया, प्रदीप अग्रवाल, नवीन सिन्हा, मनोज संघाई, बबलू भारतीया, गोपाल डोकानिया, महेश शर्मा, पवन संघाई, प्रकाश साव

मंदिर समिति सदस्य ने कहा: “हमारे लिए यह भंडारा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज में एकता और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम भी है।”

आयोजन का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

वार्षिक भंडारा न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक अनुष्ठान का अवसर है, बल्कि यह समुदाय में भाईचारे और सामाजिक मेलजोल को भी बढ़ावा देता है। इस आयोजन से युवा पीढ़ी को स्थानीय सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में मदद मिलती है।

न्यूज़ देखो: गिरिडीह में विश्वनाथ मंदिर भंडारे ने बढ़ाई धार्मिक और सामाजिक एकता

यह कार्यक्रम दिखाता है कि धार्मिक आयोजन समाज में एकता, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मंदिर समिति का प्रयास समुदाय में सामूहिक धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

भक्ति, सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक चेतना

धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी से न केवल हमारी आस्था प्रगाढ़ होती है, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और आपसी सम्मान भी बढ़ता है। आप भी इस भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर अपने समाज में सकारात्मक योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और समुदाय में जागरूकता फैलाएं।

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