
#रांची #पेपरलीककांड : सीआईडी ने झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में बड़ा खुलासा किया – वित्त विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी से बढ़ी जांच की रफ्तार
- JSSC संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सीआईडी की बड़ी कार्रवाई।
- वित्त विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी संतोष मस्ताना को किया गया गिरफ्तार।
- संतोष मस्ताना पर प्रश्न पत्र लीक करने और अभ्यर्थियों से धन उगाही का आरोप।
- इससे पहले कई पुलिसकर्मी और गिरोह के मास्टरमाइंड हो चुके हैं गिरफ्तार।
- झारखंड उच्च न्यायालय ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर लगाई है रोक।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण लगातार गहराता जा रहा है। राज्य की सीआईडी ने मंगलवार को इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए वित्त विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी संतोष मस्ताना को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि वे प्रश्न पत्र लीक करने और उम्मीदवारों से धन उगाही करने वाले नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
सीआईडी की जांच में बड़ा मोड़
सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई से पहले भी कई पुलिसकर्मी और रैकेट के सरगना गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जांच एजेंसी को अब तक यह भी पता चला है कि परीक्षा से जुड़े कई स्तरों पर लापरवाही और सांठगांठ की गई थी, जिससे पूरा पेपर लीक कांड अंजाम तक पहुँचा।
जांच अधिकारी के अनुसार, संतोष मस्ताना की भूमिका न केवल पेपर लीक कराने में बल्कि धन के आदान-प्रदान की प्रक्रिया में भी संदिग्ध पाई गई है।
एक वरिष्ठ सीआईडी अधिकारी ने बताया: “हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैं जो संतोष मस्ताना की भूमिका को साबित करते हैं। यह एक सुनियोजित नेटवर्क था जिसमें कई विभागों के लोग शामिल रहे हैं।”
न्यायालय की सख्ती, परिणाम प्रकाशन पर रोक
इस पेपर लीक प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक परीक्षा परिणाम जारी न किया जाए। अदालत ने सीआईडी से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस मामले में कितने लोगों की संलिप्तता है और परीक्षा प्रक्रिया को कैसे प्रभावित किया गया।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला राज्य की भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। छात्रों और अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है क्योंकि महीनों की मेहनत और तैयारी पर ऐसे कृत्यों से पानी फिर जाता है। कई छात्र संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है।
एक अभ्यर्थी ने कहा: “हमने उम्मीद की थी कि यह परीक्षा निष्पक्ष होगी, लेकिन बार-बार ऐसे घोटाले हमारी मेहनत को बेकार कर देते हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।”
प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना
वित्त विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम इस जांच के दायरे में आ सकते हैं। सीआईडी ने कई जिलों में छापेमारी तेज कर दी है और परीक्षा से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ जारी है।
न्यूज़ देखो: परीक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर गहराया संकट
झारखंड की भर्ती परीक्षाओं में बार-बार होने वाले पेपर लीक मामलों ने सिस्टम की पारदर्शिता पर गहरा धब्बा लगाया है। यह केवल कुछ लोगों की गलती नहीं, बल्कि तंत्रगत कमजोरियों का परिणाम है। अब जरूरी है कि सरकार न केवल दोषियों को सजा दे बल्कि परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
युवाओं की मेहनत का सम्मान जरूरी
यह घटना याद दिलाती है कि जब व्यवस्था कमजोर पड़ती है, तो सबसे बड़ा नुकसान मेहनतकश युवाओं को होता है। अब वक्त है कि हम सब पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करें।
ईमानदारी से पढ़ने वाले छात्रों के सपनों को संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और इस विषय पर जागरूकता फैलाएँ — ताकि भविष्य में कोई भी छात्र अन्याय का शिकार न हो।



