
#लातेहार #वनविभागकार्रवाई : बारेसांढ़ वन क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन छापामारी – पूर्व उपमुखिया के घर से भारी मात्रा में अवैध लकड़ी जब्त
- पलामू व्याघ्र आरक्ष के बारेसांढ़ वन प्रक्षेत्र में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई।
- पूर्व उपमुखिया तुलसीदास यादव के घर से काला शीशम, बीजा, सागवान और सखूआ की लगभग 40 चिरान (पटरा) जब्त।
- कार्रवाई वनपाल परमजीत तिवारी के नेतृत्व में बारेसांढ़ थाना प्रभारी प्रभात कुमार दास की टीम के साथ की गई।
- रविवार दोपहर को भी वन विभाग ने एक अन्य स्थान से अवैध लकड़ी जब्त की थी।
- विभाग ने कहा कि वन तस्करी रोकने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।
लातेहार जिले के गारू अनुमंडल अंतर्गत पलामू व्याघ्र आरक्ष के बारेसांढ़ वन प्रक्षेत्र में वन विभाग ने लगातार दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध लकड़ी की तस्करी पर शिकंजा कसा। रविवार की शाम टीम ने बारेसांढ़ थाना पुलिस के सहयोग से संयुक्त छापामारी अभियान चलाया और बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी का चिरान बरामद किया।
गुप्त सूचना पर पूर्व उपमुखिया के घर छापा
वनपाल परमजीत तिवारी ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि पूर्व उपमुखिया तुलसीदास यादव अपने घर में अवैध लकड़ी छिपाकर रखे हुए हैं और उसकी तस्करी की तैयारी चल रही है। सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हुई और रविवार शाम को छापामारी अभियान चलाया गया।
प्रभारी वनपाल परमजीत तिवारी ने कहा: “गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में लकड़ी का चिरान जब्त किया गया है। विभाग तस्करी के खिलाफ लगातार सघन अभियान चला रहा है।”
छापामारी के दौरान काला शीशम, बीजा, सागवान और सखूआ प्रजातियों की लगभग 40 चिरान (पटरा) जब्त की गई। लकड़ी की मात्रा और प्रकार से अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बड़ी तस्करी का हिस्सा था।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
इस अभियान में वन विभाग की टीम के साथ बारेसांढ़ थाना प्रभारी प्रभात कुमार दास अपने दल-बल के साथ शामिल थे।
टीम में वनरक्षी सुनील उरांव, ट्रेकर विकास प्रसाद, कैयूआरटी इमरान अंसारी और मुखराज यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर गहन तलाशी अभियान चलाया, जिससे तस्करी का बड़ा जाल सामने आया।
थाना प्रभारी प्रभात कुमार दास ने कहा: “वन क्षेत्र में अवैध कटाई और तस्करी के खिलाफ पुलिस-वन विभाग मिलकर कार्रवाई कर रहा है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
पहले भी हुई थी बड़ी बरामदगी
बताया गया कि रविवार दोपहर को भी वन विभाग ने एक अन्य क्षेत्र में अभियान चलाकर बड़ी मात्रा में लकड़ी का चिरान जब्त किया था। इस तरह 24 घंटे के भीतर दो बड़ी कार्रवाइयाँ होने से तस्करों में हड़कंप मचा है।
विभाग का कहना है कि ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे ताकि वन क्षेत्र में तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।
विभाग की सख्त चेतावनी
वनपाल परमजीत तिवारी ने स्पष्ट किया कि जंगलों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में वन संपदा की तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।
वनपाल तिवारी ने कहा: “वन संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। अवैध कटाई करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय प्रतिक्रिया और जनसहयोग
स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत किया और इसे पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में क्षेत्र में लकड़ी की अवैध कटाई बढ़ गई थी, जिससे वन्यजीवों और पर्यावरण दोनों पर असर पड़ रहा था। ग्रामीणों ने विभाग को सहयोग देने का आश्वासन दिया।
न्यूज़ देखो: अवैध तस्करी पर प्रशासन की सख्त निगरानी जरूरी
लगातार दो दिनों में हुई कार्रवाई यह दर्शाती है कि वन विभाग अब सख्त रुख अपनाए हुए है। अवैध लकड़ी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए ऐसी सघन कार्रवाइयाँ जरूरी हैं। लेकिन स्थायी समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता, सामुदायिक निगरानी और वैकल्पिक आजीविका के अवसर भी बढ़ाने होंगे।
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पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी सबकी
वन संपदा केवल सरकारी नहीं, बल्कि जन-संपदा है। हमें यह समझना होगा कि हर पेड़ हमारे भविष्य की सांस है। प्रशासनिक प्रयासों के साथ नागरिक सहयोग भी उतना ही जरूरी है। सजग बनें, जंगलों की रक्षा करें, अवैध कटाई की सूचना दें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और प्रकृति के संरक्षण की इस मुहिम में सहभागी बनें।




