Ranchi

“ईसाई समाज को अपमानित करने वालों को जवाब – मिशनरी स्कूलों में पढ़ाते हैं, फिर करते हैं नफरत”: डॉ. इरफान अंसारी का बड़ा बयान

#रांची #प्रेयरफेस्टिवल2025 — झारखंड में दो लाख श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच गूंजा ‘हालेलूयाह’, स्वास्थ्य मंत्री ने ईसाई समुदाय को बताया अपना परिवार

  • झारखंड प्रार्थना mahitsav 2025 में मुख्य अतिथि बने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी
  • उन्होंने कहा कि ईसाई समाज उनका ‘जीवन का हिस्सा’ है और अपमान बर्दाश्त नहीं
  • दो लाख से अधिक लोगों की मौजूदगी में अनुशासित आयोजन, गूंजा ‘हालेलूयाह’
  • BJP नेताओं पर साधा निशाना – मिशनरी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई, फिर भी समाज का अपमान
  • ईसाई संस्थानों से पढ़ाई करने की बात साझा करते हुए बताया निजी जुड़ाव
  • कार्यक्रम में भाग लेकर बोले – “मैं भी इस समाज का हिस्सा हूं, गर्व है इस पर”

आस्था और अनुशासन का अद्भुत संगम: झारखंड प्रेयर फेस्टिवल में उमड़ी श्रद्धा की भीड़

रांची में आयोजित झारखंड प्रार्थना महोत्सव 2025 ने इस बार राज्य में धार्मिक सौहार्द और अनुशासन की मिसाल पेश की। दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में ‘हालेलूयाह, हालेलूयाह’ की गूंज ने माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इस आयोजन में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और उन्होंने अपने वक्तव्य से मिशनरी समाज को सम्मान और समर्थन का संदेश दिया।

डॉ. अंसारी ने कहा कि उनका ईसाई समुदाय से जुड़ाव बचपन से रहा है, उन्होंने अपनी पढ़ाई क्रिश्चियन संस्थानों में की है, और समाज की अनुशासनात्मक संस्कृति ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है।

“मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई एक क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से की। यह समुदाय मुझे बचपन से जानता है। जो मूल्य मैंने सीखे, वे इसी समाज की देन हैं।” — डॉ. इरफान अंसारी

भाजपा नेताओं को घेरा : ‘पाखंड का अंत होना चाहिए’

अपने बयान में डॉ. अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के कई नेता अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन सार्वजनिक मंचों से इसी समाज को अपमानित करते हैं।

“आप अपने बच्चों को मिशनरी संस्थानों में पढ़ाते हैं, फिर बाहर आकर इसी समाज को गाली देते हैं। ये पाखंड अब बंद होना चाहिए।” — डॉ. इरफान अंसारी

उन्होंने कहा कि यह दोहरे मापदंड की राजनीति न केवल ईसाई समाज के साथ अन्याय है बल्कि समाज को बांटने का प्रयास भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हमेशा से अल्पसंख्यक समुदायों की आवाज बनते आए हैं और आगे भी बने रहेंगे।

आयोजन की भव्यता और अनुशासन ने जीता दिल

झारखंड प्रेयर फेस्टिवल के दौरान संपूर्ण व्यवस्था अनुशासित और शांतिपूर्ण रही। डॉ. अंसारी ने कहा कि उन्होंने अब तक इतना व्यवस्थित और श्रद्धा से भरा धार्मिक कार्यक्रम नहीं देखा

झारखंड क्रिश्चियन एसोसिएशन (JCA) और क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन (JCYA) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा।

“भीड़ में अनुशासन ऐसा था जैसे कोई आध्यात्मिक अनुबंध हो। यह सिर्फ धार्मिक नहीं, सामाजिक चेतना का भी प्रतीक है।” — डॉ. इरफान अंसारी

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