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मेराल के गेरूआ पंचायत में असामाजिक तत्वों ने आगजनी कर किसानों की फसल और चारे को किया नष्ट

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#मेराल #असामाजिक_तत्व : गेरूआ पंचायत में असामाजिक तत्वों ने किसान कुलदीप राम की 100 बोझा धान की फसल और 200 बोझा पुआल जलाकर ग्रामीणों में भय और रोष फैलाया
  • गेरूआ पंचायत, मेराल प्रखंड में असामाजिक तत्वों का आतंक जारी।
  • किसान कुलदीप राम की 100 बोझा धान की फसल आग में जल गई।
  • मुख्य घटनास्थल से 100 मीटर दूर 200 बोझा पुआल भी नष्ट।
  • ग्रामीणों का आरोप कि रात्रि में कपड़े और जूते-चप्पल भी फेंके जा रहे।
  • मेराल थाना, CO और मुखिया अनिल को लिखित शिकायत दी गई।
  • ग्रामीण प्रशासन से उपद्रवियों की पहचान और मुआवजा की मांग कर रहे हैं।

मेराल प्रखंड की गेरूआ पंचायत में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई आगजनी ने ग्रामीणों में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। बीती रात, किसान कुलदीप राम की कड़ी मेहनत से उपजाई गई 100 बोझा धान की फसल अज्ञात उपद्रवियों ने आग लगाकर राख कर दी। जब तक ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब तक फसल पूरी तरह जल चुकी थी। इसके साथ ही, मुख्य घटनास्थल से महज 100 मीटर की दूरी पर रखा लगभग 200 बोझा पुआल, जो मवेशियों का चारा था, भी नष्ट हो गया। इस घटना से केवल फसल ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों के पशुधन के लिए चारे का भी बड़ा भंडार नुकसान में आया।

ग्रामीणों पर उत्पन्न खतरा और भय

ग्रामीणों ने बताया कि ये असामाजिक तत्व केवल आगजनी तक सीमित नहीं हैं। रात के समय वे बाहर रखे कपड़े सड़क पर फेंक देते हैं और लोगों के जूते-चप्पल बिखेर देते हैं। इससे गांव में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। इस तरह की घटनाओं ने ग्रामीणों में तनाव और चिंता बढ़ा दी है।

प्रशासनिक उदासीनता से बढ़ा रोष

पीड़ित किसान कुलदीप राम ने घटना की लिखित शिकायत मेराल थाना, अंचलाधिकारी (CO) और गेरूआ पंचायत के मुखिया अनिल को दी है। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और उपद्रवियों की पहचान नहीं की गई। इस उदासीनता ने गांववासियों में गहरा रोष उत्पन्न किया है।

कुलदीप राम ने कहा: “मेरी पूरी मेहनत की फसल जल गई है, प्रशासन से मांग है कि तुरंत कार्रवाई की जाए और नुकसान की भरपाई हो।”

ग्रामीणों ने प्रमोद विश्वकर्मा, देवेंद्र विश्वकर्मा समेत अन्य लोगों के नेतृत्व में प्रशासन से अपील की है कि आग लगाकर नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, गांव में नियमित गश्त सुनिश्चित की जाए और पीड़ित किसान को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही

यह घटना बताती है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर कमियां हैं और असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही पीड़ितों को न्याय और मुआवजा देना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

गांव की सुरक्षा और न्याय के लिए सजग बनें

ग्रामीणों और प्रशासन को मिलकर असामाजिक तत्वों को नियंत्रण में लाना चाहिए। अपनी फसलों, संपत्ति और सुरक्षा के लिए सजग रहें। प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए रखें और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत दें। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और ग्रामीण सुरक्षा के संदेश को फैलाएं।

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Shashi Bhushan Mehta

डंडई, गढ़वा

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