
#लातेहार #वन्यजीवसुरक्षा : वन प्राणी सुरक्षा सप्ताह के समापन अवसर पर गारू में ग्रामीणों ने हथियार समर्पित कर लिया संरक्षण का संकल्प
- मनिका विधानसभा के विधायक रामचंद्र सिंह ने वन प्राणी सुरक्षा सप्ताह के समापन समारोह में शिरकत की।
- गारू के ग्रामीणों ने 23 देसी बंदूकें और 7 गुलेल वन देवी पूजा पंडाल में समर्पित की।
- ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि अब जंगली जानवरों का शिकार नहीं करेंगे और वन्य जीवन की रक्षा करेंगे।
- दक्षिणी वन प्रमंडल के उप निदेशक कुमार आशीष, डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जैना, रेंजर उमेश कुमार दुबे, रेंजर अजय कुमार टोपों उपस्थित रहे।
- गारू, महुआडांड, सुरकुमी, गुटवा, काबरी और बारीबंद के ग्रामीणों ने स्वेच्छा से हथियार समर्पित किए।
- वन्य जीव संरक्षण पर कथा वाचकों और वन विभाग के प्रवचनों से ग्रामीणों में सकारात्मक बदलाव आया।
पलामू व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत दक्षिणी वन प्रमंडल में आयोजित वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह का समापन समारोह गारू में बड़े उत्साह के साथ हुआ। इस मौके पर विधायक रामचंद्र सिंह ने शिरकत की और कार्यक्रम को अपनी सराहना दी। शुक्रवार की रात गारू क्षेत्र के विभिन्न गांवों के करीब दो दर्जन ग्रामीणों ने वन देवी पूजा पंडाल में हवन से पूर्व कुल 23 देसी बंदूकें और सात गुलेल समर्पित किए। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों और समिति सदस्यों की मौजूदगी में यह संकल्प लिया कि अब वे जंगली जानवरों का शिकार नहीं करेंगे और पेड़-पौधों तथा वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।
वन्य जीवन संरक्षण में ग्रामीणों की भागीदारी
इस अवसर पर उपस्थित दक्षिणी वन प्रमंडल के उप निदेशक कुमार आशीष, डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जैना, रेंजर उमेश कुमार दुबे, और रेंजर अजय कुमार टोपों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से चल रहे कार्यक्रम में कथा वाचकों द्वारा जंगल, वन्य जीव और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रवचन दिया जा रहा था। इन प्रवचनों से प्रभावित होकर ग्रामीणों ने स्वेच्छा से हथियार समर्पित करने का निर्णय लिया।
उप निदेशक कुमार आशीष ने कहा: “यह ग्रामीणों की सोच में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। जो लोग कभी वन विभाग के खिलाफ अवैध गतिविधियों में शामिल थे, अब पश्चाताप कर संरक्षण के पक्ष में खड़े हैं। यह आने वाले दिनों में बड़े परिणाम देगा।”
ग्रामीणों का संकल्प और समाज पर प्रभाव
सूत्रों के अनुसार गारू और महुआडांड क्षेत्र के सुरकुमी से चार, गुटवा से एक, काबरी और बारीबंद से एक-एक समेत अन्य गांवों के ग्रामीणों ने हथियार समर्पित किए। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले वे सुरक्षा के लिए हथियार रखते थे, लेकिन अब उन्हें इसकी आवश्यकता महसूस नहीं होती।
वन देवी पूजा समिति के अध्यक्ष मंगल उरांव ने कहा: “यह समाज के लिए अनुकरणीय कदम है। यह दिखाता है कि प्रकृति पूजा और सामाजिक संवाद के माध्यम से संरक्षण की नई राह बन सकती है।”
यह कार्यक्रम रात में हुआ और पूरे गारू इलाके में चर्चा का विषय बन गई। मौके पर प्रभारी वनपाल और अन्य वनरक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम से यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय समुदाय में वन्य जीवन संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और लोग सक्रिय रूप से संरक्षण में भाग ले रहे हैं।

न्यूज़ देखो: गारू में वन संरक्षण के लिए प्रेरक पहल
गारू में ग्रामीणों द्वारा स्वेच्छा से हथियार समर्पित करना यह दर्शाता है कि सामाजिक संवाद और पर्यावरणीय शिक्षा से स्थायी संरक्षण संभव है। यह पहल वन्य जीवन के प्रति समुदाय की जिम्मेदारी को उजागर करती है और आने वाले समय में बड़े परिणाम देगी।
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वन संरक्षण के प्रति जिम्मेदार और सजग बनें
स्थानीय वन्य जीवन की सुरक्षा में योगदान दें। अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें और हथियारों या अवैध गतिविधियों से दूर रहें। कमेंट में अपने विचार साझा करें, इस खबर को शेयर करें और संरक्षण के संदेश को समाज में फैलाएं। यह समय है कि हम सभी प्रकृति और वन्य जीवन के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।