#सिमडेगा #अपराध : नकाबपोश अपराधियों ने रात में चर्च पर धावा बोलकर पुरोहितों से मारपीट की और लाखों रुपये लूट लिए
- तुमडेगी चर्च में देर रात लगभग 12 अपराधियों ने हमला किया।
- दो पुरोहित गंभीर रूप से घायल, सिमडेगा सदर अस्पताल में चल रहा इलाज।
- नकाबपोश अपराधी हथियारबंद थे और लाखों रुपये लेकर फरार हो गए।
- विधायक भूषण बाड़ा और जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने अस्पताल पहुंचकर हाल जाना।
- झामुमो और कांग्रेस नेताओं ने तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
सिमडेगा जिले के तुमडेगी पल्ली स्थित चर्च में देर रात अपराधियों ने हमला कर दो पुरोहितों को गंभीर रूप से घायल कर दिया और चर्च से लाखों रुपये लूट लिए। घटना रात करीब दो से ढाई बजे के बीच हुई जब लगभग 12 नकाबपोश अपराधी हथियारों से लैस होकर चर्च परिसर में घुसे। उन्होंने पुरोहितों के साथ बेरहमी से मारपीट की और हमला कर नकदी लूटकर फरार हो गए। घायलों का इलाज सिमडेगा सदर अस्पताल में चल रहा है।
विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही विधायक भूषण बाड़ा और जिला परिषद सदस्य जोसिमा खाखा सदर अस्पताल पहुंचे और दोनों पुरोहितों का हालचाल जाना। विधायक ने पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया और प्रशासन से अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
घटना से आक्रोशित स्थानीय नेताओं ने इसे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बताया। झामुमो जिला सचिव सफीक खान, जिला उपाध्यक्ष अनिल तिर्की और केंद्रीय समिति सदस्य नोवास केरकेट्टा अस्पताल पहुंचे और अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रशासन पर दबाव डाला।
दिलीप तिर्की, आदिवासी कांग्रेस प्रदेश कोऑर्डिनेटर ने कहा: “यह घटना निंदनीय है। बार-बार हमारे धर्मगुरुओं पर हमले होना चिंता का विषय है। ऐसा लग रहा है कि हम पुराने आपराधिक माहौल की ओर लौट रहे हैं। जिला प्रशासन और पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी होगी ताकि असली कारण सामने आ सके।”
बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं से चिंता गहराई
स्थानीय लोगों ने कहा कि क्षेत्र में धर्मगुरुओं और धार्मिक स्थलों पर हमले नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी बोलबा क्षेत्र में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। लगातार ऐसे हमलों ने लोगों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

न्यूज़ देखो: धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर उठते सवाल
तुमडेगी चर्च में हुआ हमला केवल एक आपराधिक वारदात नहीं है, बल्कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। जब धर्मगुरु ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? प्रशासन और पुलिस को कड़ी कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़ना होगा ताकि समाज में विश्वास बहाल हो सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अपराध के खिलाफ सामूहिक चेतना
यह घटना हमें चेतावनी देती है कि अपराध के खिलाफ समाज और प्रशासन दोनों को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। धार्मिक स्थल आस्था और शांति का प्रतीक होते हैं, उन्हें असुरक्षित होने देना हम सबकी विफलता होगी। अब वक्त है कि हम नागरिक भी सजग हों, पुलिस-प्रशासन पर निगरानी रखें और अपराध के खिलाफ आवाज बुलंद करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें और समाज में सुरक्षा और न्याय की मांग को मजबूती दें।