
#गुमला #धार्मिक_घटना : प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित मंदिरों में तोड़फोड़ से फैला आक्रोश सड़क जाम और प्रशासन से तीखी वार्ता
- हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में अज्ञात लोगों द्वारा की गई तोड़फोड़।
- मंदिर परिसर की मूर्तियां क्षतिग्रस्त, पूजा सामग्री बिखरी मिली।
- आक्रोशित ग्रामीणों ने NH-143A पर करीब छह घंटे चक्का जाम किया।
- डीसी–एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे जामकर्ता।
- पुलिस ने मनी उरांव को किया गिरफ्तार, सीसीटीवी से मिली अहम जानकारी।
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में रविवार शाम हुई तोड़फोड़ की घटना से पूरे क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया। सोमवार सुबह पूजा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने जब मंदिरों की क्षतिग्रस्त मूर्तियां और बिखरी पूजा सामग्री देखी, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। दोनों मंदिर एक ही बाउंड्री के भीतर स्थित हैं, जिससे आस्था पर हमले की भावना और गहरी हो गई। घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद होने की पुष्टि हुई है।
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में प्रखंड कार्यालय परिसर पहुंच गए। आक्रोशित लोगों ने सुबह करीब 8:30 बजे ब्लॉक गेट के पास सड़क जाम कर दिया, जिससे एनएच-143ए लोहरदगा–गुमला मुख्य मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे रहे और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आस्था पर हुए हमले को लेकर लोगों का गुस्सा चरम पर नजर आया।
पुलिस कार्यशैली पर उठे सवाल
ग्रामीणों का आरोप था कि थाना क्षेत्र में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि चोरी, गांजा और ब्राउन शुगर की बिक्री, तथा गौ तस्करी जैसी घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी आक्रोश के चलते लोगों ने घाघरा की दुकानों को भी बंद करा दिया। जाम स्थल पर पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।
जाम की सूचना मिलते ही एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव, इंस्पेक्टर विनय कुमार, घाघरा बीडीओ और अंचल अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री केशव चंद्र साय और हिंदूवादी नेता संजय वर्मा सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी घाघरा पहुंचे। पहले दौर की वार्ता विफल रही, क्योंकि जामकर्ता डीसी और एसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
पांच सूत्री मांगों के साथ सौंपा ज्ञापन
दूसरे दौर की वार्ता में एसडीएम गुमला के पहुंचने के बाद स्थिति कुछ नियंत्रित हुई। जामकर्ताओं ने प्रशासन को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा, जिसमें
- मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले की तत्काल गिरफ्तारी,
- गांजा और ब्राउन शुगर की बिक्री पर पूर्ण रोक,
- गौ तस्करी पर सख्त कार्रवाई,
- दो दिन पूर्व पुलिस द्वारा कथित रूप से झूठे केस में फंसाए गए दो लोगों के नाम हटाने,
- क्षेत्र में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग शामिल थी।
प्रशासन के आश्वासन के बाद करीब छह घंटे बाद दोपहर 2:30 बजे जाम हटाया गया, तब जाकर यातायात बहाल हो सका।
आरोपी की गिरफ्तारी से मिली राहत
इसी बीच पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंदिर तोड़फोड़ मामले में जग बगीचा निवासी मनी उरांव को गिरफ्तार कर लिया। घाघरा थाना में आयोजित संक्षिप्त प्रेस वार्ता में एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग और तकनीकी इनपुट के आधार पर आरोपी को उसके घर से पकड़ा गया है। प्रारंभिक जांच में उसकी मानसिक स्थिति सामान्य नहीं पाई गई है।
एसडीपीओ ने बताया कि परिजनों के अनुसार आरोपी का पिछले दो महीनों से रांची के मनोचिकित्सक से इलाज चल रहा है। आगे की कार्रवाई सामाजिक, न्यायिक और मनोचिकित्सकीय परामर्श के आधार पर की जाएगी। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है और क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।



न्यूज़ देखो: आस्था और कानून व्यवस्था की कसौटी
घाघरा की यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
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शांति और सौहार्द की अपील
समाज की एकता और शांति बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। आप इस घटना पर अपनी राय साझा करें और खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, ताकि प्रशासन तक जनभावनाओं की आवाज पहुंचे।





