Ranchi

रांची में पत्रकारों पर हमला: प्रेस की आज़ादी पर सीधा प्रहार, दोषियों की हो तत्काल गिरफ्तारी

#रांची #पत्रकार_हमला – दर्जनों गवाहों की मौजूदगी में पुलिस के सामने हुई घटना, संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी

  • रांची में पत्रकार संजीत कुमार और अमरकांत सिंह पर हुआ हमला
  • पुलिस की मौजूदगी में लाठी-डंडों से की गई मारपीट
  • ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन ने जताई नाराज़गी
  • पत्रकारों को ‘भीड़’ समझने की मानसिकता पर उठे सवाल
  • दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग, नहीं तो होगा राज्यव्यापी आंदोलन
  • जेजेए व प्रेस क्लब ने एकजुटता दिखाई, प्रेस की सुरक्षा पर बनी चिंता

पार्किंग विवाद से शुरू हुई झड़प, पत्रकारों पर टूटा कहर

रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में एक बेहद निंदनीय घटना में पत्रकारों को निशाना बनाया गया। झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (जेजेए) के कोषाध्यक्ष संजीत कुमार दीपक पर एक पार्किंग विवाद के दौरान दिलीप सिंह और उनके साथियों ने हमला कर दिया। जब रांची प्रेस क्लब के महासचिव अमरकांत सिंह उन्हें बचाने पहुँचे, तो उनसे भी दुर्व्यवहार किया गया।

चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान जगन्नाथपुर थाना की पुलिस मौके पर मौजूद थी, फिर भी कोई मौके पर कार्रवाई नहीं की गई। यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था और प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करती है।

पत्रकार संगठनों का आक्रोश और चेतावनी

इस हमले की ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा:

“पुलिस की मौजूदगी में पत्रकारों पर हमला बेहद शर्मनाक है। झारखंड पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में तुरंत संज्ञान ले और आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी करे।” — प्रीतम सिंह भाटिया

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि झारखंड पुलिस ने पत्रकारों को “भीड़” समझने की गलती दोहराई, तो प्रदेश के सभी पत्रकार संगठन एकजुट होकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल

घटना के वक्त पुलिस के मौके पर मौजूद होने के बावजूद हमलावरों को रोका नहीं गया, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। रांची जैसे बड़े शहर में पत्रकारों के साथ ऐसा बर्ताव, वह भी पुलिस के सामने, लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना है।

न्यूज़ देखो : पत्रकारों की सुरक्षा पर सटीक नज़र

‘न्यूज़ देखो’ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारिता पर हुए हर हमले को गंभीरता से लेता है।
हम यह सुनिश्चित करते हैं कि पत्रकारों के साथ हुए हर अन्याय की आवाज़ बुलंद हो और उन्हें न्याय मिले।
रांची की घटना ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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