साहिबगंज में 1250 करोड़ रुपए के अवैध पत्थर खनन मामले में सीबीआई की जांच तेज हो गई है। जांच के दौरान पंकज मिश्रा के करीबी सहयोगी भगवान भगत के लॉकर से 42.68 लाख के सोने-चांदी के आभूषण और नकदी बरामद हुए।
लॉकर की जांच में बरामदगी
सीबीआई ने 4 और 5 नवंबर को भगवान भगत के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कुछ लॉकरों की जानकारी हासिल की थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने कार्रवाई करते हुए लॉकर की तलाशी ली।
बरामद सामान में सोने का कंगन, चेन, चूड़ियां, अंगूठियां, सोने के 12 सिक्के, चांदी के आभूषण और 3.55 लाख नकद शामिल हैं। जेवरात की कीमत लगभग 39.12 लाख रुपए आंकी गई है। यह कार्रवाई भगवान भगत और गवाहों की मौजूदगी में पूरी की गई।
पहले भी हुई थी छापेमारी
सीबीआई ने भगवान भगत और उनके सहयोगियों से जुड़े 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें 61 लाख नकदी, 1 किलो सोना, 1.25 किलो चांदी के आभूषण और 61 गोलियां बरामद हुई थीं।
कैसे हुआ मामला उजागर
इस घोटाले की शुरुआत 2 मई 2022 को साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की शिकायत से हुई थी। अवैध खनन के कारण ग्रामीणों के घरों में दरारें पड़ने लगीं। शिकायतकर्ता विजय हांसदा ने पंकज मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
जांच का दायरा बढ़ा
झारखंड हाईकोर्ट ने अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद ईडी और सीबीआई ने संयुक्त रूप से कई ठिकानों पर छापेमारी की। पंकज मिश्रा पर अवैध खनन, टेंडर मैनेजमेंट और अवैध कमाई के गंभीर आरोप हैं।
पंकज मिश्रा का मामला
पंकज मिश्रा, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि हैं, को ईडी ने 19 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। उन पर 1250 करोड़ से अधिक के अवैध खनन के साथ टेंडर मैनेज करने का आरोप है। फिलहाल, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी मामले की जांच जारी है।
यह मामला झारखंड के अवैध खनन के काले खेल और इससे जुड़े प्रभावशाली लोगों के गठजोड़ को उजागर करता है। जांच एजेंसियों की कार्रवाई ने इस बहुचर्चित घोटाले की गहराई को सामने लाया है।