
#लातेहार #खाद्यसुरक्षा : कुटमू चौक पर नुक्कड़ नाटक का मंचन कर ग्रामीणों को राशन कार्ड और शिकायत व्यवस्था की दी जानकारी
- लातेहार डीसी उत्कर्ष गुप्ता के निर्देश पर बरवाडीह के कुटमू चौक में नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ।
- सर्ना कलां जत्था डुमारो के कलाकारों ने खाद्य सुरक्षा कानून और राशन कार्ड की जानकारी दी।
- अंत्योदय, बीपीएल और हरा राशनकार्ड से मिलने वाले लाभ समझाए गए।
- लोगों को शिकायत नंबर 1967 पर कॉल करने की सुविधा बताई गई।
- नागपुरी गीतों से सजाए गए नाटक को ग्रामीणों ने खूब सराहा।
बरवाडीह प्रखंड के कुटमू चौक में शनिवार को एक विशेष आयोजन किया गया, जहां नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को खाद्य सुरक्षा कानून की जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम लातेहार के उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के निर्देश पर आयोजित हुआ। इसमें सर्ना कलां जत्था डुमारो के कलाकारों ने मनोरंजक शैली में गंभीर संदेश दिए।
खाद्य सुरक्षा कानून की जानकारी
नाटक में बताया गया कि खाद्य सुरक्षा कानून आमजन को न्यूनतम दर पर राशन उपलब्ध कराने का अधिकार देता है। इसमें अंत्योदय कार्ड, बीपीएल कार्ड और हरा राशनकार्ड जैसी योजनाओं के जरिए गरीब और जरूरतमंद परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है।
शिकायत निवारण की सुविधा
कलाकारों ने लोगों को यह भी जानकारी दी कि अगर किसी प्रकार की समस्या या गड़बड़ी होती है तो वे सीधे 1967 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह व्यवस्था आम लोगों की मदद के लिए सरकार ने उपलब्ध कराई है।
कलाकारों ने कहा: “खाद्य सुरक्षा कानून सबका अधिकार है, कोई भी परिवार भूखा न रहे—यही इसका उद्देश्य है।”
कलाकारों की प्रस्तुति और गीत
नुक्कड़ नाटक को और भी रोचक बनाने के लिए कलाकारों ने बीच-बीच में नागपुरी गीत गाए। जत्थे में शामिल कपिल देव सिंह, विद्यानंद सिंह, मनीष उरांव, मायारानी और श्रद्धा कुमारी ने अपनी आवाज और अभिनय से ग्रामीणों का दिल जीत लिया।
ग्रामीणों की सहभागिता
नाटक देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे और उन्होंने कलाकारों की प्रस्तुति की खूब सराहना की। लोगों ने कहा कि इस तरह की पहल से न केवल मनोरंजन होता है, बल्कि जरूरी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी सीधे आमजन तक पहुंचती है।
न्यूज़ देखो: कला के जरिए जागरूकता का संदेश
यह आयोजन इस बात का उदाहरण है कि लोककला और नाटक के जरिए ग्रामीण समाज को जागरूक करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका अपनाया जा सकता है। जब लोग गीत और अभिनय के माध्यम से संदेश सुनते हैं, तो वह सीधे दिल तक पहुंचता है। ऐसे प्रयास प्रशासन और समाज के बीच भरोसे की कड़ी मजबूत करते हैं।
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लोककला से बदलेगा समाज
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