#मेदिनीनगर #जागरूकता : उपायुक्त समीरा एस ने हरी झंडी दिखाकर किया अभियान का शुभारंभ—चार अंचलों के पंचायतों में घूमेगा रथ
- उपायुक्त समीरा एस ने समाहरणालय परिसर से वज्रपात जागरूकता रथ को रवाना किया।
- रथ में लीफलेट्स का वितरण और क्विज विजेताओं को गिफ्ट्स देने का कार्यक्रम होगा।
- चैनपुर, नौडीहा बाजार, छत्तरपुर और हुसैनाबाद अंचलों के पंचायतों में यह अभियान चलेगा।
- आमजनों को आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।
- मौके पर अपर समाहर्ता कुंदन कुमार और जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी जयराम सिंह यादव उपस्थित रहे।
सोमवार को मेदिनीनगर समाहरणालय परिसर से उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस ने वज्रपात से बचाव को लेकर विशेष जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों को सुरक्षित रहने के लिए सरल और वैज्ञानिक उपाय बताए जाएंगे। रथ के माध्यम से विभिन्न पंचायतों में जानकारी देने के साथ-साथ पंपलेट्स बांटे जाएंगे और क्विज प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को उपहार भी दिए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों की सहभागिता और रुचि बनी रहे।
अभियान का उद्देश्य और दायरा
यह जागरूकता कार्यक्रम मेटिगेशन प्रोजेक्ट फॉर लाइटिंग सेफ्टी के तहत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि वज्रपात के दौरान सही सावधानियां अपनाकर जान-माल की हानि को रोका जा सके। अभियान के तहत चैनपुर, नौडीहा बाजार, छत्तरपुर और हुसैनाबाद अंचलों के चयनित पंचायतों को चुना गया है। इन इलाकों में रथ भ्रमण करेगा और ग्रामीणों से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें आकाशीय बिजली से बचने के लिए आवश्यक जानकारी देगा।
हर वर्ष बढ़ती वज्रपात से मौतें
झारखंड के कई जिलों में मानसून के दौरान वज्रपात की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि हर साल दर्जनों लोगों की जान वज्रपात से चली जाती है। उन्होंने बताया कि ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों तक समय रहते सही जानकारी पहुंचे और वे अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहें।
उपायुक्त समीरा एस ने कहा: “लोगों को वज्रपात के समय सावधानियों की जानकारी देना हमारी प्राथमिकता है। इस रथ के माध्यम से हर गांव तक संदेश पहुंचेगा और ग्रामीण अपने जीवन की रक्षा कर पाएंगे।”
अधिकारियों की मौजूदगी और सहयोग
इस कार्यक्रम में उपायुक्त के साथ-साथ अपर समाहर्ता कुंदन कुमार और जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी जयराम सिंह यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने रथ के महत्व और इसके संदेश पर जोर दिया। प्रशासन ने इस अभियान के सफल संचालन के लिए विशेष कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की है ताकि प्रत्येक पंचायत में योजनाबद्ध ढंग से गतिविधियां आयोजित हो सकें।
ग्रामीणों तक सीधे संदेश
जागरूकता रथ गांव-गांव जाकर वहां के निवासियों से संवाद करेगा। इसमें पोस्टर, ऑडियो संदेश और क्विज जैसी गतिविधियों के जरिये लोगों को बताया जाएगा कि वज्रपात की स्थिति में खुले मैदान या पेड़ के नीचे खड़ा होना खतरनाक है, मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें, और पक्के मकानों के भीतर शरण लें। इस तरह की सरल जानकारी जनजीवन को सुरक्षित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
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यह पहल दर्शाती है कि प्रशासन प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सक्रिय और संवेदनशील है। अगर इस तरह की जागरूकता लगातार चलाई जाए तो ग्रामीण स्तर पर जनहानि को काफी हद तक रोका जा सकता है। यह जरूरी है कि समाज के हर वर्ग तक सही जानकारी पहुंचे और लोग इसे अपने जीवन में अपनाएं।
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सुरक्षित समाज के लिए मिलकर बढ़ाएं कदम
वज्रपात जैसी आपदाएं अचानक आती हैं लेकिन जागरूकता से इनसे बचाव संभव है। अब वक्त है कि हम सब इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं और अपने गांव-समाज को सुरक्षित बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाने में सहभागी बनें।