Garhwa

सर्पदंश से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी: घरेलू उपायों के बजाय समय पर पहुंचें अस्पताल

Join News देखो WhatsApp Channel
#झारखंड #स्वास्थ्य_सुरक्षा : बरसात में बढ़े सर्पदंश के मामले — जानिए क्या करें और क्या न करें
  • बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में डर का माहौल है
  • स्वास्थ्य मंत्रालय और UNDP ने सर्पदंश से निपटने के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है
  • टोना-टोटका और घरेलू उपाय के बजाय समय पर अस्पताल पहुँचना ही जीवन रक्षक कदम है
  • 15400 हेल्पलाइन नंबर पर आपातकालीन सहायता के लिए तुरंत संपर्क किया जा सकता है
  • घाव को चूसना, काटना या बांधना जैसे उपाय घातक साबित हो सकते हैं
  • सांप को मारने की कोशिश से बचें और घबराने के बजाय पीड़ित को शांत रखें

बरसात में सबसे ज्यादा खतरा सर्पदंश का

झारखंड समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बरसात के मौसम के दौरान सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों, खेतों और दलदली इलाकों में यह खतरा और अधिक होता है। खेतों में काम करते समय, बारिश के दौरान घरों में घुसने वाले सांप और अनजाने में उनके संपर्क में आने की घटनाएं आम होती जा रही हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी: हर मिनट कीमती है

स्वास्थ्य मंत्रालय और यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने स्पष्ट किया है कि सर्पदंश के मामले में हर मिनट कीमती होता है। कोई भी पारंपरिक उपाय या विलंब जानलेवा साबित हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है: “सर्पदंश की स्थिति में सबसे पहले पीड़ित को शांत रखें और उसका दंश वाला अंग स्थिर करें। घबराएं नहीं, और तुरंत अस्पताल ले जाएं।”

SDM का संदेश: समय बर्बाद न करें, सीधा अस्पताल जाएं

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने स्पष्ट किया:
“सर्पदंश के मामलों में झाड़-फूंक और घरेलू उपायों के चक्कर में समय बर्बाद न करें। जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। सर्पदंश से निपटने के लिए सरकारी अस्पताल पूर्णतः सक्षम हैं और उनकी व्यवस्था की नियमित निगरानी की जा रही है।”

प्राथमिक उपचार: क्या करें?

  • दंश के बाद तुरंत मरीज को लिटाएं और उसका शरीर स्थिर रखें
  • दंश वाले अंग को न हिलाएं और ऊपर की ओर न उठाएं
  • घाव के पास से अंगूठी, कड़ा, घड़ी या तंग कपड़े हटा दें ताकि सूजन से रक्तसंचार बाधित न हो
  • अस्पताल ले जाने में देर न करें, चाहे सांप विषैला हो या नहीं
  • 15400 हेल्पलाइन नंबर पर भी तत्काल सहायता ली जा सकती है

घातक गलतियाँ: क्या न करें?

  • घाव को काटकर या चूसकर ज़हर निकालने की कोशिश न करें — यह संक्रमण और रक्तस्राव को बढ़ाता है
  • घाव को बांधना या रस्सी से कसना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे रक्तसंचार रुक सकता है
  • टोना-टोटका, झाड़-फूंक और देसी इलाज पर भरोसा न करें — इससे सिर्फ़ समय की बर्बादी होती है
  • सांप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें, इससे और लोग खतरे में आ सकते हैं

सरकार और प्रशासन की तैयारी

राज्य सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर 15400 जारी किया गया है, जिस पर सर्पदंश या अन्य आपात स्थिति में मदद ली जा सकती है। इसके अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक अस्पतालों में एंटी वेनम दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लगातार जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की अपील: “डरें नहीं, बल्कि समझदारी दिखाएं। सही समय पर उपचार से जान बचाई जा सकती है।”

न्यूज़ देखो: जनजागरूकता से ही बचेगी ज़िंदगियाँ

‘न्यूज़ देखो’ यह मानता है कि सर्पदंश जैसे मामलों में सिर्फ़ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। हम अपने पाठकों से आग्रह करते हैं कि इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएं, ताकि कोई भी जान सिर्फ अंधविश्वास या देरी की वजह से न जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक ही सुरक्षित समाज की नींव

आइए हम सब मिलकर सर्पदंश से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें और सही समय पर सही कदम उठाने की आदत डालें। अपने परिवार, ग्रामीण समुदाय और बच्चों को भी जागरूक करें। इस लेख को साझा करें और कमेंट करके बताएं कि क्या आप इस जानकारी को अपने गाँव या मोहल्ले तक पहुँचाएंगे।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20251017-WA0018
1000264265
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: