Latehar

संत तेरेसा (+2) उच्च विद्यालय महुआडांड़ में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पर जागरूकता कार्यक्रम, छात्राओं को मिली कानूनी जानकारी

Join News देखो WhatsApp Channel
#महुआडांड़ #बालविवाह_जागरूकता : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लातेहार द्वारा छात्राओं को बाल विवाह के कानूनी प्रावधान, दंड और रोकथाम संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
  • संत तेरेसा (+2) उच्च विद्यालय में बाल विवाह रोकथाम पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित।
  • डालसा लातेहार के निर्देश पर पीएलवी ईनद्रनाथ प्रसाद ने छात्राओं को संबोधित किया।
  • नालसा–आशा पहल की जानकारी दी गई, जो बाल विवाह उन्मूलन के लिए विशेष रूप से गठित।
  • बताया गया कि बाल विवाह दंडनीय अपराध, फिर भी दुनिया की एक-तिहाई बाल वधुएँ भारत में
  • कार्यक्रम में प्राचार्या सिस्टर प्रभा लकड़ा समेत कई शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्राएँ शामिल।

महुआडांड़ के संत तेरेसा (+2) उच्च विद्यालय में गुरुवार को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) लातेहार द्वारा एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम डालसा सचिव शिवम चौरसिया के निर्देश पर संचालित हुआ। विद्यालय की छात्राओं को बाल विवाह की सामाजिक बुराइयों, कानूनी प्रावधानों और इससे जुड़े दंड से अवगत कराया गया ताकि समाज में इस प्रथा को समाप्त किया जा सके।

“नालसा–आशा” पहल की विस्तृत जानकारी

कार्यक्रम में उपस्थित पीएलवी ईनद्रनाथ प्रसाद ने छात्राओं को बताया कि नालसा, नई दिल्ली ने “नालसा–आशा” का गठन किया है, जो बाल विवाह रोकने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और कानूनी रूप से प्रभावी पहल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में कानूनी रूप से बाल विवाह प्रतिबंधित है, इसके बावजूद दुनिया की लगभग एक-तिहाई बाल वधुएँ भारत में मिलती हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि डालसा लातेहार बाल विवाह उन्मूलन के लिए लगातार विशेष कैंपेन, जागरूकता कार्यक्रम और सामुदायिक संवाद चला रही है।

छात्राओं को कानूनी अधिकार व दंड का ज्ञान

सत्र के दौरान छात्राओं को बताया गया कि

  • बाल विवाह करण या करवाना पूरी तरह अवैध है,
  • इसमें दोषी पाए जाने पर कानूनी दंड का प्रावधान है,
  • शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन, डालसा कार्यालय और नालसा–आशा जैसी संस्थाएँ हर समय उपलब्ध हैं।

पीएलवी ने यह भी कहा कि समाज में बदलाव तभी आएगा जब युवा पीढ़ी—खासकर छात्राएँ—इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ जागरूक होकर मजबूत आवाज़ उठाएँ।

विद्यालय परिवार की सक्रिय भागीदारी

इस अहम जागरूकता कार्यक्रम में विद्यालय की प्राचार्या सिस्टर प्रभा लकड़ा, शिक्षक राजू खाखा, विनोद लकड़ा, सुनीता केरकेट्टा, कालरा तिर्की, बेरोनिका एक्का, सुनीता समद, सिस्टर रजनी बाड़ा, उषा अनिमा सहित बड़ी संख्या में छात्राओं ने भाग लिया।
विद्यालय प्रशासन ने डालसा की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्राओं में जागरूकता बढ़ाते हैं और उन्हें अपने अधिकारों को पहचानने तथा गलत प्रथाओं के खिलाफ खड़े होने का आत्मविश्वास देते हैं।

न्यूज़ देखो: समाज बदलने का पहला कदम जागरूकता

बाल विवाह जैसी कुप्रथा समाप्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया के साथ-साथ सामाजिक भागीदारी भी जरूरी है। विद्यालयों में ऐसे कार्यक्रम युवाओं को सशक्त बनाते हैं और सुरक्षित समाज की नींव रखते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूक बनें, बदलाव लाएं

युवा पीढ़ी अगर आवाज उठाए तो बाल विवाह जैसी कुप्रथा खत्म होना तय है।
आप अपने इलाके में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
कमेंट में अपनी राय दें और खबर साझा करें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
20251209_155512
IMG-20250925-WA0154
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button