
#सिमडेगा #मानवाधिकार_जागरूकता : सेंट जेवियर्स कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों ने मानवाधिकार और स्वच्छ हवा के महत्व पर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया।
- कार्यक्रम का आयोजन सेंट जेवियर्स कॉलेज, सिमडेगा में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर किया गया।
- प्रो. ईशन तिरु, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष ने मानवाधिकार और सामाजिक जिम्मेदारी पर व्याख्यान दिया।
- डॉ. फादर समीर जेवियर भँवरा, उप प्रधानाध्यापक ने सुरक्षित जीवन और समान अवसर के अधिकार पर प्रकाश डाला।
- डॉ. जयंत कुमार कश्यप, IQAC कोऑर्डिनेटर ने वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर जानकारी दी।
- छात्राओं ने भाषण और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मानवाधिकार और स्वच्छ हवा का संदेश दिया।
- कार्यक्रम में असिस्टेंट प्रोफेसर अजय कुमार, डॉ. निशा रानी धनवार, रोशन गिद्ध सहित अन्य प्राध्यापक और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
सेंट जेवियर्स कॉलेज, सिमडेगा में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. ईशन तिरु, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष ने मानवाधिकारों के महत्व और छात्रों की सामाजिक जिम्मेदारी पर प्रकाश डालकर की। इसके पश्चात डॉ. फादर समीर जेवियर भँवरा, उप प्रधानाध्यापक ने छात्रों को जीवन को गरिमा और सुरक्षा के साथ जीने के अधिकारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को समान अवसर, स्वतंत्रता और सुरक्षित जीवन का अधिकार है, जिसे संरक्षित रखना समाज का दायित्व है।
डॉ. जयंत कुमार कश्यप, IQAC कोऑर्डिनेटर ने वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरों पर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि स्वच्छ हवा प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक मानवाधिकार है। उन्होंने छात्रों को पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने का महत्व समझाया। राजनीति विज्ञान विभाग की छात्रा नेहा नायक ने मानवाधिकारों पर छोटा भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विभाग के अन्य प्राध्यापक—असिस्टेंट प्रोफेसर अजय कुमार, डॉ. निशा रानी धनवार, रोशन गिद्ध सहित अन्य संकाय और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राजनीति विज्ञान विभाग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक रहा। नाटक में मानवाधिकारों के महत्व और वायु प्रदूषण रोकने के संदेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। नाटक प्रस्तुति के बाद सभी छात्रों और शिक्षकों ने कॉलेज कैंपस से बाहर तक मानव श्रृंखला बनाई। इस मानव श्रृंखला ने मानवाधिकार दिवस 2025 के थीम ‘मानवाधिकार और हमारी दैनिक आवश्यकता’ पर आधारित नारों—“कम गाड़ी चलाओ जीवन पाओ”, “स्वच्छ हवा हम सबका अधिकार, पर्यावरण बचाओ भविष्य बचाओ”—के माध्यम से जन जागरूकता फैलायी।
डॉ. फादर समीर जेवियर भँवरा ने कहा: “छात्रों में नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास ऐसे कार्यक्रमों से होता है।”
न्यूज़ देखो: छात्र-शिक्षक मिलकर मानवाधिकार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की शिक्षा देते हैं
यह कार्यक्रम दिखाता है कि शैक्षणिक संस्थान न केवल शिक्षा का केंद्र हैं बल्कि सामाजिक जागरूकता फैलाने में भी भूमिका निभा सकते हैं। छात्रों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक और मानव श्रृंखला ने समाज में सकारात्मक संदेश पहुंचाया। शिक्षा और जागरूकता से ही समाज में स्थायी बदलाव लाया जा सकता है।
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जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी से बदलें समाज
स्वच्छ हवा और मानवाधिकारों की सुरक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है। छात्रों और शिक्षकों द्वारा यह पहल बताती है कि जागरूकता और सक्रिय सहभागिता समाज को सुरक्षित और सशक्त बना सकती है। अपने आस-पास के लोगों को पर्यावरण और मानवाधिकारों के प्रति सजग करें। कमेंट में बताएं कि आपके इलाके में इस तरह की जागरूकता पहल कितनी प्रभावी है। खबर साझा करें और जागरूक समाज निर्माण में योगदान दें।





