#सिमडेगा #स्वास्थ्य_जागरूकता : ग्राम जराकेल में आयुष ग्राम कैम्प ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा और पौधों का वितरण कर जागरूक किया
- 42 ग्रामीणों को निशुल्क स्वास्थ्य जांच और दवा उपलब्ध कराई गई।
- आयुष ग्राम कैम्प का नेतृत्व किया डॉ सुभद्रा कुमारी, जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी सिमडेगा।
- कनारोवां पंचायत मुखिया मिंसी लीना तिर्की ने स्वास्थ्य और आयुष्मान कार्ड के लाभों पर जोर दिया।
- फलदार पौधों का वितरण कर ग्रामीणों में पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई।
- डॉ जावेद आलम ने खेती-बारी और जीवनशैली संबंधी स्वास्थ्य सुझाव दिए।
- योग और स्वच्छता पर जोर देकर नियमित स्वास्थ्य जांच का संदेश दिया गया।
ग्राम जराकेल में आयोजित इस आयुष ग्राम स्वास्थ्य कैम्प ने ग्रामीणों को सीधे स्वास्थ्य जांच, दवा वितरण और स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर आयुष्मान कार्ड के माध्यम से गंभीर बीमारियों के इलाज, सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और चिकित्सा सुविधाओं के लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई। ग्रामीणों ने कार्यक्रम में भाग लेकर अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दिखाई और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं पर विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त किया।
आयुष ग्राम कैम्प का आयोजन और मुख्य संदेश
आयुष ग्राम कैम्प का आयोजन डॉ सुभद्रा कुमारी के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में कुल 42 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें आवश्यक दवाइयाँ निशुल्क उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कनारोवां पंचायत मुखिया मिंसी लीना तिर्की ने कहा कि सरकार लगातार ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए पहल कर रही है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड के माध्यम से गंभीर बीमारियों का इलाज और स्वास्थ्य सुविधाएँ आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ जावेद आलम ने उपस्थित ग्रामीणों को जीवनशैली सुधार संबंधी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेती-बारी करते समय खाली पेट काम न करना चाहिए, गर्म पानी पीना चाहिए, घर के आसपास की जगह को साफ रखना चाहिए और नियमित योगाभ्यास करना चाहिए। उन्होंने समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना और बीमारियों की प्रारंभिक पहचान कर इलाज शुरू करना आवश्यक बताया।
डॉ जावेद आलम ने कहा: “सही खान-पान, स्वच्छता और योग से जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकता है, नियमित जांच और समय पर दवा लेने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।”
पौधों का वितरण और स्वास्थ्य जागरूकता
कैम्प के दौरान ग्रामीणों में फलदार पौधों का वितरण किया गया। यह पहल न केवल स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को समझाने के लिए थी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और हरित जीवनशैली को अपनाने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से भी की गई। इससे ग्रामीणों में स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सदस्य जैसे सहिया पुष्पा डुंगडुंग, सुनीता डुंगडुंग, पार्वती नाग, कांति टेटे और योगा शिक्षक सावित्री देवी ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
ग्रामीणों ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। आयुष ग्राम कैम्प ने उन्हें आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जागरूक किया और यह बताया कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार कराना आवश्यक है।
स्वास्थ्य जागरूकता और जीवनशैली सुधार
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि सही जीवनशैली, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, स्वच्छता और समय पर स्वास्थ्य जांच अपनाना बेहद आवश्यक है। आयुष ग्राम कैम्प ने ग्रामीणों को यह सिखाया कि स्वस्थ जीवन ही परिवार और समाज की मजबूत नींव है। इस अवसर पर आयुष और योग शिक्षकों ने ग्रामीणों को दिनचर्या, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर भी जानकारी दी।

न्यूज़ देखो: आयुष ग्राम कैम्प ने सिमडेगा के ग्रामीणों में स्वास्थ्य जागरूकता और जीवनशैली सुधार का संदेश दिया
आयुष ग्राम कैम्प ने यह दिखाया कि स्वास्थ्य और जीवनशैली सुधार ग्रामीण समुदाय में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निशुल्क जांच, दवा वितरण और पौधों का वितरण ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार और उचित जीवनशैली अपनाना हर ग्रामीण के लिए जरूरी है।
स्वस्थ जीवन और जिम्मेदार नागरिकता
स्वस्थ जीवन ही सशक्त समाज की नींव है। आयुष ग्राम कैम्प जैसे कार्यक्रम ग्रामीणों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, योगाभ्यास और स्वच्छता अपनाकर परिवार और समुदाय के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभाई जा सकती है। अपनी राय साझा करें, इस खबर को दूसरों तक पहुँचाएं और जागरूकता फैलाएं।