
#सिमडेगा #शैक्षणिक_गतिविधि : वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित सत्र में विद्यार्थियों को ITR फाइलिंग की डिजिटल प्रक्रिया की दी गई विस्तृत जानकारी
- संत जेवियर महाविद्यालय, सिमडेगा के वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित हुआ व्यावहारिक शैक्षणिक सत्र।
- बी.कॉम सत्र 2023–27, सेमेस्टर–3 के छात्रों ने लिया भाग।
- ऑनलाइन आयकर रिटर्न (ITR) तैयार करने व दाखिल करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन।
- सत्र का संचालन डॉ. अमित कुमार गुप्ता, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग ने किया।
- विद्यार्थियों को कर अनुपालन, पात्रता, दस्तावेज़ और ITR फॉर्म्स की दी गई जानकारी।
संत जेवियर महाविद्यालय, सिमडेगा के वाणिज्य विभाग द्वारा बी.कॉम सत्र 2023–27, सेमेस्टर–3 के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित न रखते हुए उन्हें वास्तविक जीवन में उपयोगी वित्तीय और कर संबंधी प्रक्रियाओं से परिचित कराना था। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन आयकर रिटर्न (ITR) तैयार करने एवं दाखिल करने की संपूर्ण प्रक्रिया को प्रायोगिक रूप से समझाया गया।
डिजिटल माध्यम से ITR फाइलिंग की समझ
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को एक प्रायोगिक वीडियो के माध्यम से यह दिखाया गया कि किस प्रकार आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर चरणबद्ध तरीके से आयकर रिटर्न भरा जाता है। वीडियो के माध्यम से रजिस्ट्रेशन, प्रोफाइल अपडेट, आय का विवरण भरना, टैक्स की गणना, रिटर्न का सत्यापन और अंत में सफल सबमिशन की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया गया।
इस दौरान छात्रों ने यह भी जाना कि वर्तमान डिजिटल युग में आयकर रिटर्न दाखिल करना कितना आसान और पारदर्शी हो गया है, बशर्ते करदाता को इसकी सही जानकारी हो।
डॉ. अमित कुमार गुप्ता ने दी विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित कुमार गुप्ता, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग द्वारा किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करना केवल एक कानूनी दायित्व नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण भी है। उन्होंने आयकर रिटर्न फाइल करने की पात्रता, समय-सीमा, और देरी से रिटर्न दाखिल करने पर लगने वाले जुर्माने के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. गुप्ता ने विभिन्न ITR फॉर्म्स जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-3 आदि के बारे में बताते हुए समझाया कि किस प्रकार अलग-अलग आय वर्ग और पेशे के अनुसार उपयुक्त फॉर्म का चयन किया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गलत फॉर्म भरने से करदाता को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आवश्यक दस्तावेज़ों पर दिया गया जोर
सत्र के दौरान विद्यार्थियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की जानकारी भी दी गई। इनमें प्रमुख रूप से पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म-16, ब्याज प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं। विद्यार्थियों को बताया गया कि इन दस्तावेज़ों को पहले से व्यवस्थित रखने से रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया आसान और त्रुटिरहित हो जाती है।
डॉ. गुप्ता ने यह भी समझाया कि समय पर रिटर्न दाखिल करने से न केवल कानूनी परेशानियों से बचा जा सकता है, बल्कि लोन, वीज़ा और अन्य वित्तीय कार्यों में भी सुविधा मिलती है।
वाणिज्य छात्रों के लिए कर अनुपालन की आवश्यकता
अपने संबोधन में डॉ. अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि आज के दौर में प्रत्येक वाणिज्य छात्र के लिए कर अनुपालन (Tax Compliance) की व्यावहारिक समझ अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ये छात्र विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करेंगे, जहां उन्हें न केवल अपनी आय बल्कि दूसरों की कर संबंधी जिम्मेदारियों को भी संभालना पड़ सकता है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सही कर ज्ञान से छात्र न केवल एक सफल पेशेवर बन सकते हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकते हैं।
विद्यार्थियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस शैक्षणिक सत्र को लेकर विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखने को मिला। छात्रों ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ उन्हें सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक रूप में समझने में काफी मदद करती हैं। कई विद्यार्थियों ने कहा कि पहले आयकर रिटर्न फाइलिंग उन्हें एक जटिल प्रक्रिया लगती थी, लेकिन इस सत्र के बाद उन्हें इसकी स्पष्ट समझ हो गई है।
विद्यार्थियों ने वाणिज्य विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे व्यावहारिक सत्रों के आयोजन की मांग की।
व्यावसायिक कौशल विकास पर जोर
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को यह संदेश दिया गया कि नियमित अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक एवं व्यावसायिक कौशल विकसित करना आज के समय की आवश्यकता है। वाणिज्य विभाग ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अकादमिक ज्ञान के साथ-साथ डिजिटल फाइनेंस, कर प्रणाली और व्यावसायिक प्रक्रियाओं की भी गहरी समझ विकसित करें।



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