#बासुकीनाथ #SawanSomvari : भक्ति, व्यवस्था और अनुशासन का अद्भुत संगम
- सावन की अंतिम सोमवारी पर धाम में गूंजे “हर हर महादेव” और “बोल बम” के नारे।
- केसरिया आस्था से सराबोर रहा पूरा बासुकीनाथ धाम।
- उपायुक्त बोले – श्रद्धा और व्यवस्था का संतुलन ही सच्ची सेवा।
- सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, स्वास्थ्य शिविरों का निरीक्षण भी हुआ।
- सभी विभाग अलर्ट मोड में, श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन की सुविधा।
दुमका: सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबा बासुकीनाथ धाम पूरी तरह आस्था के केसरिया रंग में रंगा नजर आया। “हर हर महादेव” और “बोल बम” के गगनभेदी जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। हजारों श्रद्धालु लंबी कतारों में बाबा के दर्शन के लिए उमड़े।
प्रशासन की सख्त निगरानी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहा। मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन सर्विलांस और कंट्रोल रूम के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाए गए, जबकि पीने के पानी और भोजन के स्टॉल पर भी सख्त निगरानी रही।
उपायुक्त ने कहा: “श्रद्धा के इस महासागर में अगर व्यवस्था की नाव डगमगाए नहीं, तो वही सच्ची सेवा है। हमने सुनिश्चित किया है कि भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो।”
श्रद्धा, सेवा और अनुशासन का मिलन
यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति और व्यवस्था का जीवंत उदाहरण साबित हुआ। प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवकों के संयुक्त प्रयास ने यह सुनिश्चित किया कि भक्तों को सहज और सुगम दर्शन हो। आस्था के इस महासागर में जब व्यवस्था का संगम होता है, तो धार्मिक स्थल अनुशासन और सेवा का संदेश देता है।

न्यूज़ देखो: संगठित प्रयास का अद्भुत उदाहरण
बाबा बासुकीनाथ धाम में हुआ यह आयोजन यह बताता है कि जब शासन और श्रद्धा साथ चलें, तो व्यवस्था भी भक्ति में ढल जाती है। सावन की अंतिम सोमवारी पर बासुकीनाथ धाम ने सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता का अनुपम उदाहरण पेश किया। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आइए आस्था को अनुशासन से जोड़ें
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