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बाबा गणिनाथ गोविंद जी की पूजा धूमधाम से संपन्न: दुर्गाबाड़ी परिसर में उमड़ी भक्तों की भीड़

#महुआडांड़ #गणिनाथपूजा : हलवाई समाज द्वारा आयोजित बाबा गणिनाथ गोविंद जी की वार्षिक पूजा में सैकड़ों भक्तों ने लिया हिस्सा

शनिवार को महुआडांड़ प्रखंड के स्थानीय दुर्गाबाड़ी परिसर में हलवाई समाज द्वारा बाबा गणिनाथ गोविंद जी की पूजा पूरे वैदिक विधान और मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुई। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। पूजा के बाद हवन और महाप्रसाद वितरण का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और सुख-समृद्धि की कामना की।

हर वर्ष होती है धूमधाम से पूजा

मध्यदेशीय समाज से जुड़े लोगों ने बताया कि यह वार्षिक पूजा कई वर्षों से लगातार होती आ रही है। 15वें बाबा गणिनाथ पूजा आयोजन से इसकी शुरुआत हुई थी और तब से हर साल बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ यह परंपरा निभाई जा रही है। इस अवसर पर समाज के लोग न केवल स्थानीय स्तर से बल्कि लातेहार, गढ़वा, पलामू, चैनपुर, गुमला और छत्तीसगढ़ से भी शामिल होने पहुँचते हैं।

मुख्य अतिथि और सांस्कृतिक कार्यक्रम

पूजा के उपरांत आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री वासुदेव प्रसाद तथा विशिष्ट अतिथि श्री रामदास साहू, श्री आनंद प्रसाद, संजय प्रसाद, संतोष, कृष्ण प्रसाद, हीरालाल प्रसाद और ओमप्रकाश प्रसाद ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

समाज के विद्यार्थियों को मिला सम्मान

कार्यक्रम में हलवाई समाज के टॉपर बच्चों को मेडल और प्रमाणपत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा सभी आगंतुकों का स्वागत अंगवस्त्र भेंट कर किया गया। लातेहार, पलामू, गढ़वा, चैनपुर, गुमला और छत्तीसगढ़ से आए अतिथियों को भी सम्मानित किया गया।

सफल आयोजन में समाज की एकजुटता

पूरे आयोजन को सफल बनाने में संजय प्रसाद, बसंत प्रसाद, विकास प्रसाद, हीरालाल प्रसाद, कृष्णा प्रसाद, राजू प्रसाद, सुमित कुमार, सतीश कुमार, भोला कुमार, अनुज कुमार समेत दर्जनों लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

न्यूज़ देखो: संस्कृति और समाज को जोड़ने का माध्यम है ऐसे आयोजन

बाबा गणिनाथ की पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत करती है। ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी में अपनी परंपराओं के प्रति जुड़ाव और गौरव की भावना विकसित होती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

परंपरा से प्रेरणा

महुआडांड़ में आयोजित यह पूजा इस बात का उदाहरण है कि सामूहिक प्रयासों से समाज को एकजुट रखा जा सकता है। अब समय है कि हम सभी ऐसे आयोजनों को आगे बढ़ाने में सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट में साझा करें और इस खबर को मित्रों के साथ शेयर करें ताकि अधिक लोग इस परंपरा से जुड़ सकें।

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