#दुमका #सफलता : आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की बेटी बनी प्रेरणा, शिक्षकों का सम्मान और शुभकामनाएं
- झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित हुई बबीता कुमारी।
- मध्य विद्यालय आसनसोल की पूर्व छात्रा होने पर शिक्षकों में गर्व।
- महेश प्रसाद साह सहित शिक्षिकाओं ने शॉल और पुष्पगुच्छ देकर किया सम्मान।
- बबीता के पिता बिंदु लाल सिंह और ग्रामवासी भी रहे मौजूद।
- जय प्रकाश सिंह ने कहा – बबीता मेरी कार्यकाल की छात्रा थी।
दुमका के आसनसोल ग्राम में शुक्रवार को गर्व का क्षण देखने को मिला, जब मध्य विद्यालय आसनसोल की पूर्व छात्रा और आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय की बेटी बबीता कुमारी को झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित होने पर सम्मानित किया गया। बबीता की इस सफलता ने न केवल उसके परिवार को गर्वान्वित किया, बल्कि विद्यालय के शिक्षकों के चेहरों पर भी गर्व की मुस्कान बिखेर दी।
सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद साह, सहायक शिक्षिका तेरेसा मुर्मू, रूपा कुमारी, रुना कुमारी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय सीतासाल, शिकारीपाड़ा की शिक्षिका शीला कुमारी बबीता के घर पहुंचीं और शॉल व पुष्पगुच्छ देकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर बबीता के पिता बिंदु लाल सिंह और ग्रामवासी निरोध मंडल भी मौजूद थे।
सफलता की कहानी और शिक्षकों का योगदान
सम्मान समारोह में शिक्षकों ने बबीता को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उसकी सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। बबीता की मेहनत और संघर्ष की कहानी खासकर आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के युवाओं के लिए एक मिसाल है।
महेश प्रसाद साह ने कहा: “बबीता ने हमारी उम्मीदों को नई ऊंचाई दी है। यह दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा से सब संभव है।”
मध्य विद्यालय आसनसोल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक दुमका निवासी जय प्रकाश सिंह ने भी खुशी जाहिर की और कहा कि बबीता उनके कार्यकाल की छात्रा रही थी। उन्होंने इसे विद्यालय की बड़ी उपलब्धि बताया।
आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लिए प्रेरणा
बबीता का चयन झारखंड प्रशासनिक सेवा में होना खास मायने रखता है, क्योंकि वह राज्य की आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय से आती हैं। यह सफलता इस समुदाय के युवाओं के लिए शिक्षा और संघर्ष का मजबूत संदेश देती है।
न्यूज़ देखो: एक उपलब्धि, जो बदलेगी कई सपनों की दिशा
बबीता की यह सफलता बताती है कि अवसर और शिक्षा मिलने पर कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। यह सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है। न्यूज़ देखो मानता है कि इस तरह की कहानियां समाज को नई दिशा देती हैं।
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बबीता की मेहनत और उपलब्धि हमें सिखाती है कि चुनौतियों के बीच भी उम्मीद की किरण मौजूद रहती है। आइए हम सब शिक्षा को बढ़ावा दें और युवाओं के सपनों को उड़ान देने में अपना योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि यह प्रेरणा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।