
#गिरिडीह #रिश्वतविवाद – बाबूलाल मरांडी की भतीजी से जन्म प्रमाण पत्र के लिए अधिवक्ता पर लगा 5000 रुपये मांगने का आरोप, SDM ने जताई सख्ती
- बाबूलाल मरांडी की भतीजी ज्योति मरांडी से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई
- खोरीमहुआ अनुमंडल परिसर में बैठे अधिवक्ता उदित कुमार अम्बष्ठ पर लगा गंभीर आरोप
- ज्योति मरांडी ने खुद शपथपत्र के लिए संपर्क किया था, अधिवक्ता ने 5000 रुपये मांगे
- SDM अनिमेष रंजन ने बार काउंसिल को कार्रवाई के लिए पत्र लिखने की घोषणा की
- SDM ने स्पष्ट किया — अनुमंडल कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जाता
- मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी कड़ी नजर और कार्रवाई की तैयारी
रिश्वतखोरी के आरोप में अधिवक्ता सवालों के घेरे में
गिरिडीह जिले के खोरीमहुआ अनुमंडल कार्यालय परिसर में एक अधिवक्ता द्वारा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की भतीजी ज्योति मरांडी से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर अधिवक्ता उदित कुमार अम्बष्ठ ने 5000 रुपये की मांग की, जिससे पूरा मामला तूल पकड़ चुका है।
ज्योति अपने पिता राधेश्याम मरांडी के साथ शपथपत्र बनवाने पहुंची थीं। उन्होंने अधिवक्ता से जब केवल शपथपत्र की मांग की और बाकी प्रक्रिया खुद करने की बात कही, तो अधिवक्ता ने सरकारी प्रक्रिया को जटिल बताकर पूरे काम के लिए 5000 रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि “पैसा दे दीजिए, बाकी काम हो जाएगा, आगे और खर्च भी लगेगा।”
एसडीएम की सख्त चेतावनी, कानूनी कार्रवाई की तैयारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम अनिमेष रंजन ने अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए झारखंड राज्य बार काउंसिल को पत्र लिखने की प्रक्रिया शुरू की है।
“यह गंभीर मामला है। अनुमंडल न्यायालय परिसर में बैठने वाले अधिवक्ता पर यदि ऐसा आरोप सिद्ध होता है, तो यह आम नागरिकों के साथ अन्याय है।” — अनिमेष रंजन, एसडीएम
उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिवक्ता पर गैर-विधिक कार्यों में संलिप्त रहने और नागरिकों से मनमाने तरीके से धन की मांग करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जानिए कहाँ से और कैसे बनता है जन्म प्रमाण पत्र
इस पूरे विवाद के बीच एसडीएम ने जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए बताया कि इसके लिए आवेदक को स्थानीय नगर निगम, नगरपालिका, पंचायत कार्यालय या संबंधित सरकारी अस्पताल में ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
21 दिनों के भीतर सामान्य स्थिति में प्रमाण पत्र जारी हो जाता है, जबकि विलंब की स्थिति में —
- 22 से 30 दिनों तक के लिए पंचायत सचिवालय, नगर निगम, नगरपालिका
- 31 दिन से 1 वर्ष तक के लिए जिला सांख्यिकी कार्यालय
- 1 वर्ष से अधिक की स्थिति में अनुमंडल कार्यालय से अनुमति लेनी होती है।
एसडीएम ने यह भी बताया कि अनुमंडल कार्यालय में सीधे जन्म प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जाता।
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