
#गिरिडीह #कृषि_नुकसान : मोंथा चक्रवात से धान की फसल प्रभावित होने पर विधायक नागेंद्र महतो ने सदन में किसानों के लिए अविलंब मुआवजे की मांग की
- मोंथा चक्रवात 28 अक्टूबर 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक झारखंड के विभिन्न जिलों में आया।
- धान की तैयार फसल तेज हवा और असामयिक वर्षा से गंभीर रूप से प्रभावित हुई।
- बगोदर विधायक श्री नागेंद्र महतो ने सदन में किसानों के लिए उचित मुआवजे की मांग उठाई।
- कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने स्वीकार किया कि फसल क्षतिग्रस्त हुई है और बीमा योजना के अंतर्गत मुआवजा उपलब्ध है।
- राज्य में फसल बीमा बिरसा फसल बीमा योजना के तहत धान की पैदावार बीमा से आच्छादित है।
गिरिडीह/झारखंड। झारखंड प्रदेश में अक्टूबर 2025 में आए मोंथा चक्रवात से किसानों की तैयार धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। गिरिडीह समेत विभिन्न जिलों के किसानों की पैदावार प्रभावित हुई, जिससे वे हताश और चिंतित हो गए। इस गंभीर मुद्दे को लेकर बगोदर विधायक श्री नागेंद्र महतो ने 11 दिसंबर 2025 को विधानसभा में अल्पसूचित प्रश्न (संख्या-08) के माध्यम से किसानों के हित में अविलंब मुआवजे की मांग उठाई।
सदन में उठाया गया मुद्दा
विधायक श्री महतो ने सरकार से यह भी पूछा कि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा कब तक मिलेगा।
श्री नागेंद्र महतो ने कहा: “किसानों की मेहनत और उनकी फसल की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अविलंब मुआवजे की घोषणा आवश्यक है।”
कृषि विभाग का उत्तर
माननीय कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री ने सदन में स्वीकार किया कि मोंथा चक्रवात से फसल प्रभावित हुई। उन्होंने बताया कि झारखंड में धान की फसल बिरसा फसल बीमा योजना के तहत बीमा से आच्छादित है। संबंधित जानकारी और क्षति की स्थिति कंडिका-2 में स्पष्ट कर दी गई है।
कृषि विभाग ने कहा: “राज्य में धान की फसल बीमा से आच्छादित है और प्रभावित किसानों को बीमा के माध्यम से मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा।”
किसानों की प्रतिक्रिया और अपेक्षाएँ
किसानों का कहना है कि तेज हवा और असामयिक वर्षा के कारण तैयार धान की पैदावार में भारी नुकसान हुआ है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार बीमा प्रक्रिया को तेज कर जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान करे।
गिरिडीह के एक किसान ने कहा: “हमारी फसलें बर्बाद हो गई हैं, मुआवजा जल्दी मिलेगा तो ही हमारी आर्थिक मुश्किलें कुछ कम होंगी।”
न्यूज़ देखो: मोंथा चक्रवात से फसल प्रभावित किसानों की राहत
यह घटना बताती है कि प्राकृतिक आपदा के बाद किसानों को न्यायसंगत मुआवजा सुनिश्चित करना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है। बगोदर विधायक और कृषि विभाग ने मुआवजे की प्रक्रिया के प्रति जागरूकता दिखाई है, लेकिन किसानों की वास्तविक राहत समय पर मिलना महत्वपूर्ण है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग रहें, सक्रिय बनें
किसानों की मेहनत और उनके फसल की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। प्राकृतिक आपदाओं में जागरूक रहें और सरकारी योजनाओं जैसे फसल बीमा की जानकारी रखें। इस खबर को शेयर करें, किसानों के हित में जागरूकता फैलाएं और उनके अधिकारों के लिए सक्रिय नागरिक बनें।





