पलामू: बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के कामकाज पर रोक लग गई है। उपायुक्त ने सीडब्ल्यूसी को भंग करने की सिफारिश की है, जिससे बच्चों के रेस्क्यू और उनके परिवारों तक पहुंचाने की प्रक्रिया ठप हो गई है।
रेस्क्यू किए गए बच्चों के माता-पिता चिंतित
मनातू थाना क्षेत्र से रेस्क्यू किए गए नौ बच्चों को बाल गृह में रखा गया है। उनके अभिभावक कई दिनों से अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। सीडब्ल्यूसी के काम बंद होने के चलते उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
बाल गृह में बच्चों की वापसी में बाधा
बाल गृह में पहले से रह रहे बच्चे भी अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। माता-पिता और अभिभावक हर दिन परेशान हो रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है।
अभिभावकों को रांची तक जाना पड़ रहा
बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के परिवारवालों को अब रांची जाकर मदद मांगनी पड़ रही है। एक युवक ने बताया कि उसकी बहन 18 साल की हो चुकी है, लेकिन वह अभी भी बाल गृह में है, और उसे वापस लाने के लिए वह भटक रहा है।
तत्काल समाधान की मांग
अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि सीडब्ल्यूसी का कामकाज बहाल किया जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित उनके परिवारों के पास भेजा जा सके। स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है, और प्रभावित परिवार जल्द राहत की उम्मीद कर रहे हैं।