Simdega

टुकूपानी में गूंजा बम-बम भोले, कांवरियों ने भक्ति की शक्ति में डुबोया माहौल

Join News देखो WhatsApp Channel
#सिमडेगा #श्रावणीमेला : टुकूपानी में भक्तिमय रात, गूंजे शिव भजनों के स्वर
  • बिरमित्रापुर से निकली कांवर यात्रा टुकूपानी पहुंची।
  • शहनाई मैरिज हॉल में कांवरियों का रात्रि विश्राम।
  • भक्तों के स्वागत के लिए जलपान और विश्राम शिविर लगे।
  • डीजे की धुनों और भव्य सजावट से गूंज उठा टुकूपानी।
  • कोलकाता व यूपी के कलाकार करेंगे भक्ति और शिव तांडव कार्यक्रम।

सिमडेगा: श्रावण मास के पावन अवसर पर कांवरियों का सैलाब रविवार को टुकूपानी में उमड़ पड़ा। बिरमित्रापुर से निकली कांवर यात्रा आज टुकूपानी पहुंची, जहां कांवरियों के लिए शहनाई मैरिज हॉल में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति के मुताबिक, रातभर भक्ति गीतों की गंगा बहेगी और खास आकर्षण रहेगा शिव तांडव का अद्भुत प्रदर्शन

भक्तिमय रंग में रंगा टुकूपानी

दिनभर टुकूपानी में “बम-बम भोले” और “हर-हर महादेव” के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। हजारों कांवरिया रंग-बिरंगे वस्त्रों में झूमते हुए बाबा भोलेनाथ के भजन गाते नजर आए। डीजे की भक्ति धुनों और भव्य सजावट ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया।

कांवरियों की सेवा में जुटी जनता

स्थानीय लोगों ने कांवरियों के स्वागत के लिए जगह-जगह जलपान और विश्राम शिविर लगाए। लोगों का कहना है कि ऐसा दृश्य साल में सिर्फ एक बार ही देखने को मिलता है। कांवरियों की आस्था और ऊर्जा ने पूरे क्षेत्र को धार्मिक रंग में रंग दिया।

स्थानीय श्रद्धालु: “कांवरियों की सेवा करना सौभाग्य की बात है। हम हर साल इस आयोजन का इंतजार करते हैं।”

सुरक्षा में सतर्क प्रशासन

सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस बल और स्वयंसेवक लगातार निगरानी में लगे रहे ताकि कोई भी अव्यवस्था न हो। यह आयोजन क्षेत्र में धार्मिक एकता, सामाजिक सद्भाव और उत्सवधर्मिता का प्रतीक बनता जा रहा है।

सांस्कृतिक आकर्षण से सजेगी रात

रविवार की रात को कोलकाता के कलाकारों द्वारा भजन संध्या और उत्तर प्रदेश से आए कलाकारों द्वारा शिव तांडव का अद्भुत कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजकों ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे पहुंचकर इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनें।

न्यूज़ देखो: आस्था और सद्भाव का अद्भुत संगम

टुकूपानी का यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक भी है। कांवरियों की भक्ति और स्थानीय सहयोग ने इसे एक उत्सवधर्मी परंपरा बना दिया है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए, आस्था के इस महापर्व को साझा करें

कांवरियों की इस अद्भुत यात्रा पर अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: