
#गुमला #फुटबॉलटूर्नामेंट : 27वें नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल टूर्नामेंट का फाइनल स्वतंत्रता दिवस पर संपन्न
- 27वां फुटबॉल टूर्नामेंट हकाजाँघ में भव्य समापन।
- ग्राम पंचायत बनारी बनी बालक वर्ग की विजेता टीम।
- प्रताप उच्च विद्यालय बनारी ने बालिका वर्ग का खिताब जीता।
- मुख्य अतिथि के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित कई गणमान्य उपस्थित।
- हकाजाँघ खेल समिति और ग्रामीणों का सराहनीय योगदान।
बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र के हकाजाँघ में आयोजित 27वें नेताजी सुभाष चंद्र बोस सह डॉ. ईजिकल लेओस टोप्पो, उदयवीर टोप्पो मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्साह और भव्यता के साथ हुआ। यह टूर्नामेंट हर वर्ष 9 अगस्त से 15 अगस्त तक खेल प्रेमियों के जोश और आपसी सौहार्द को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
फाइनल में रोमांच और जोश
समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडरी, थाना प्रभारी अर्जुन कुमार यादव, ईरमा टोप्पो और समाजसेवी रोहित प्रभात टोप्पो (कोयनारटोली) उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का बैच पहनाकर स्वागत और सम्मान किया गया।
बालक वर्ग के फाइनल में ग्राम पंचायत बनारी की टीम ने माते ए.यू. टीम को हराकर विजेता का खिताब जीता, जबकि माते ए.यू. टीम उपविजेता रही। वहीं, बालिका वर्ग के फाइनल में प्रताप उच्च विद्यालय बनारी की टीम ने कोटाम की टीम को रोमांचक मुकाबले में मात दी और खिताब अपने नाम किया।
खेल भावना का प्रदर्शन
मैदान में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। जैसे ही गोल होते, दर्शकों की तालियां और जयकारे गूंज उठते। अतिथियों ने खिलाड़ियों को खेल को खेल की भावना से खेलने और खेल के नियमों का पालन करने की प्रेरणा दी, जिससे खेल संस्कृति और मजबूत हो।
आयोजन समिति की मेहनत
हकाजाँघ खेल समिति के सदस्य संदीप तिर्की, सुनित मिंज, प्रीम एक्का, मसीह एक्का, सुभाष खलखो, राजीव नगेसिया, सुदामा उरांव, सुधन नगेसिया, बसंत नगेसिया, रितेश खेरवार, अनुप कुजूर, रंजीत उरांव, छोटेलाल उरांव, सुरेन्द्र उरांव, कुलदीप उरांव सहित अन्य ग्रामीणों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
विशेष सहयोग
स्वर्गीय डॉ. ईजिकल लेओस टोप्पो की धर्मपत्नी ईरमा टोप्पो का इस आयोजन में वर्षों से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी प्रेरणा और सहयोग से यह टूर्नामेंट लगातार सफलतापूर्वक आयोजित हो रहा है, जो खेल और सामाजिक जुड़ाव दोनों को मजबूत करता है।



न्यूज़ देखो: खेल से बढ़ता सामाजिक मेलजोल
हकाजाँघ फुटबॉल टूर्नामेंट सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, युवा सशक्तिकरण और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का प्रतीक बन चुका है। इस तरह के आयोजनों से न सिर्फ प्रतिभाएं निखरती हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल संस्कृति को नई पहचान मिलती है।
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खेल भावना और एकता का संदेश
अब समय है कि हम सब खेल के माध्यम से एकता और भाईचारे को और मजबूत करें। खेल सिर्फ जीत-हार नहीं, बल्कि टीमवर्क और अनुशासन की सीख देता है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें, ताकि खेल संस्कृति को बढ़ावा मिले।