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पलामू में बैंक लॉकर विवाद फिर चर्चा में, 90 लाख की संपत्ति गायब

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#पलामू #बैंकलॉकरविवाद : पारिवारिक झगड़े से जुड़ा मामला या बैंकिंग लापरवाही? — पुलिस जांच में कई पेच, CCTV फुटेज से खुलेंगे राज
  • पलामू के मेदिनीनगर में बैंक लॉकर से करीब 90 लाख की संपत्ति के गायब होने की शिकायत
  • शिकायतकर्ता और परिवार के बीच संपत्ति को लेकर गंभीर विवाद चल रहा है
  • पुलिस ने CCTV फुटेज खंगालने और बैंक से रिपोर्ट लेने की प्रक्रिया शुरू की
  • लॉकर से छेड़छाड़ के आरोप — एक पारिवारिक सदस्य पर जताया गया संदेह
  • 2022 में पलामू में बैंक लॉकर घोटाले का मामला भी आ चुका है सामने
  • बैंक और पुलिस के बयान विरोधाभासी, जांच के बाद ही स्पष्ट होगी सच्चाई

शिकायत से मचा हड़कंप: लॉकर से 90 लाख की संपत्ति गायब

पलामू जिले के मेदिनीनगर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने थाने में गंभीर शिकायत दर्ज कराई है कि उसके बैंक लॉकर से लगभग 90 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति गायब हो गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर बैंक से रिपोर्ट तलब की है और जांच में जुट गई है।

टाउन थाना प्रभारी ज्योतिलाल रजवार ने बताया: “शिकायतकर्ता ने बैंक लॉकर से महंगी संपत्ति के गायब होने का आरोप लगाया है। परिवार में संपत्ति विवाद की जानकारी भी मिली है। मामले की जांच की जा रही है।”

पारिवारिक विवाद या बैंक की लापरवाही?

पुलिस के अनुसार, यह मामला सिर्फ लॉकर चोरी का नहीं, बल्कि पारिवारिक संपत्ति विवाद से जुड़ा है। शिकायतकर्ता ने परिवार के ही एक सदस्य पर लॉकर से छेड़छाड़ और संपत्ति निकालने का आरोप लगाया है। पुलिस ने CCTV फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि लॉकर खोलने या संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि की जा सके।

बैंक का दावा: लॉकर नहीं खोला गया

शुरुआती जांच में बैंक प्रबंधन का कहना है कि लॉकर को खोला ही नहीं गया, और उनके रिकॉर्ड्स में किसी भी अनाधिकृत गतिविधि का संकेत नहीं है। मगर पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में लॉकर से छेड़छाड़ की आशंका पुख्ता हो रही है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया: “हमने बैंक से लॉकर एंट्री रिकॉर्ड, विज़िट टाइमिंग्स, और लॉगबुक की जानकारी मांगी है। CCTV फुटेज की मदद से जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।”

क्या दोहराया जा रहा है 2022 का लॉकर घोटाला?

पलामू में बैंक लॉकर से संपत्ति गायब होने का यह पहला मामला नहीं हैसाल 2022 में भी एक बड़ा लॉकर घोटाला सामने आया था, जिसमें बैंक के ही 13 कर्मी आरोपी बने थे। उस घोटाले में 2100 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी गायब पाई गई थी, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया।

स्थानीय नागरिकों का कहना है: “बैंक लॉकर को लेकर लोगों का भरोसा डगमगा रहा है। यदि बार-बार ऐसे मामले होंगे तो सुरक्षा और गोपनीयता पर सवाल खड़े होंगे।”

जांच की दिशा: तथ्य और फुटेज पर टिकी उम्मीद

इस बार की शिकायत में जहां पारिवारिक कलह भी मुख्य कारक हो सकता है, वहीं पुलिस इसे संभावित धोखाधड़ी या आपराधिक षड्यंत्र के रूप में भी देख रही है। पुलिस अब तक बैंक लॉकर खोलने के समय, उपस्थित व्यक्तियों की पहचान, और एंट्री रजिस्टर से जुड़े तथ्यों को खंगाल रही है। साथ ही फोरेंसिक जांच और तकनीकी विश्लेषण भी संभावित है।

न्यूज़ देखो: बैंकिंग सुरक्षा और पारदर्शिता पर उठते सवाल

न्यूज़ देखो इस मामले को सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा को चुनौती के रूप में देखता है। बार-बार लॉकर विवादों और घोटालों से बैंक उपभोक्ताओं में भय और अविश्वास का माहौल बन रहा है। यह जरूरी है कि बैंक अपने लॉकर प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ट्रैकिंग-सक्षम बनाएं।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग रहें, सुरक्षा पर सवाल उठाएं

आपका पैसा, आपकी संपत्ति सबसे पहले आपकी जिम्मेदारी है। यदि आपको भी बैंक सेवाओं में लापरवाही या संदिग्ध गतिविधि दिखे तो शिकायत दर्ज करें, सबूत जुटाएं और अपने अधिकारों की रक्षा करें। यह खबर शेयर करें, और जागरूकता फैलाएं ताकि भविष्य में कोई और ऐसे अनुभव का शिकार न हो।

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