
#सिमडेगा #हस्ताक्षर_अभियान : बानो डाकबंगला परिसर में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जनजागरण के इस अभियान को हर पंचायत और बूथ स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
- दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को बानो डाकबंगला परिसर में बैठक आयोजित हुई।
- बैठक की अध्यक्षता अजीत कांडुलना और संचालन सुरेश द्विवेदी ने किया।
- चर्चा का केंद्र रहा ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान।
- वक्ताओं ने जनभागीदारी और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
- बैठक में कई प्रखंड पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बानो प्रखंड के डाकबंगला परिसर में मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को “वोट चोर गद्दी छोड़” हस्ताक्षर अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में अभियान की रणनीति, विस्तार और जनता की सहभागिता को बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई। यह बैठक स्थानीय स्तर पर राजनीतिक जागरूकता और जनसशक्तिकरण की दिशा में एक अहम पहल के रूप में देखी जा रही है।
बैठक की रूपरेखा और संचालन
बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष श्री अजीत कांडुलना ने की, जबकि संचालन एवं निर्देशन प्रखंड प्रभारी श्री सुरेश द्विवेदी ने संभाला। दोनों नेताओं ने अभियान के उद्देश्य और इसके भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला।
अध्यक्ष ने कहा कि यह हस्ताक्षर अभियान केवल एक विरोध कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ को सत्ता तक पहुंचाने का लोकतांत्रिक माध्यम है।
श्री सुरेश द्विवेदी ने कहा: “हमारा संकल्प है कि इस आंदोलन को हर पंचायत, हर बूथ और हर दिल तक पहुंचाया जाए ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग बनें।”
अभियान की मुख्य बातें
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इस अभियान की पृष्ठभूमि, उद्देश्यों और जनभागीदारी के स्वरूप पर विचार रखा। वक्ताओं का मानना था कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ ही सबसे बड़ी शक्ति है, और इस अभियान के ज़रिए वही आवाज़ मजबूत होगी।
अभियान का उद्देश्य जन-जागरूकता बढ़ाकर राजनीतिक ईमानदारी और जवाबदेही की मांग को सशक्त करना है।
पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
बैठक में स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही।
उपस्थित प्रमुख नामों में मो. रफीक अंसारी, श्री सुरेश द्विवेदी, श्री लालचंद लोहारा, श्री विलफ्रीड जरिया, श्री साबन डांग, श्री अभिषेक बागे, श्री सालन बागे, श्री सनिका हेमरोम, श्री सहदेव कोटवार, मो. शमशेर अंसारी, श्री जिदान जोजो, श्री सोमा कांडुलना, श्री संदीप कांडुलना और श्री मसीहदास लुगुन शामिल थे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि इस आंदोलन को गाँव-गाँव तक ले जाने की ज़िम्मेदारी अब आम जनता की भी है।
आगे की रणनीति और जनसंदेश
बैठक के अंत में तय किया गया कि हस्ताक्षर अभियान को प्रत्येक पंचायत, स्कूल और बाज़ार तक पहुंचाया जाएगा।
इसके लिए टीमों का गठन किया जाएगा जो ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को इस पहल से जोड़ेंगी।
अभियान के तहत बैनर, पोस्टर और नुक्कड़ संवादों के माध्यम से भी संदेश प्रसारित किए जाएंगे।
श्री अजीत कांडुलना ने कहा: “यह आंदोलन किसी दल के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जो जनता के मत का सम्मान नहीं करती। अब समय है कि हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए।”
न्यूज़ देखो: जनआवाज से निकला लोकतांत्रिक संदेश
बानो से उठी यह आवाज़ बताती है कि जनता अब सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि सक्रिय सहभागी बनना चाहती है। यह अभियान लोकतंत्र की सच्ची भावना को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।
यदि ऐसे अभियान रचनात्मक दिशा में जारी रहे, तो यह न केवल जनजागरूकता बढ़ाएंगे बल्कि जवाबदेह शासन की नींव को भी मजबूत करेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनता की शक्ति से बदलाव संभव
जब लोग अपनी आवाज़ को एकजुट होकर उठाते हैं, तो व्यवस्था को भी झुकना पड़ता है। यह अभियान इसी जनशक्ति की पहचान है। अब समय है कि हर नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समान रूप से समझे।
जागरूक बनें, भागीदारी बढ़ाएं और बदलाव का हिस्सा बनें।
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