मुख्य बिंदु:
- बीपीएससी अभ्यर्थियों ने राज्यपाल से मुलाकात की।
- अभ्यर्थियों ने 15 पन्नों का आरोप पत्र और साक्ष्य सौंपे।
- राज्यपाल ने अभ्यर्थियों से प्रशांत किशोर के अनशन पर ध्यान न देने की सलाह दी।
- अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग उच्च स्तरीय कमेटी का गठन।
- आनंद मिश्रा ने राज्यपाल से सकारात्मक आश्वासन प्राप्त होने का दावा किया।
राज्यपाल से मुलाकात में बीपीएससी अभ्यर्थियों की चिंताएं
आज बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपनी मांगों को सामने रखा। इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने लगभग 40 मिनट तक अभ्यर्थियों की बातों को सुना। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल को 15 पन्नों का आरोप पत्र और संबंधित साक्ष्य सौंपे। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे और जो भी संभव होगा, वह करेंगे।
राज्यपाल ने दी प्रशांत किशोर के अनशन को लेकर सलाह
राज्यपाल ने अभ्यर्थियों से कहा कि वे प्रशांत किशोर के अनशन और उनके मुद्दों को एक साथ जोड़कर न देखें। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अभ्यर्थी प्रशांत किशोर का अनशन तुड़वाने की कोशिश करें। राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वे भविष्य में वार्ता के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे, लेकिन उनकी मुख्य चिंता इस समय प्रशांत किशोर का अनशन था।
आनंद मिश्रा का बयान
बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि आनंद मिश्रा ने बताया कि आज का अल्टीमेटम समाप्त हो रहा है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब उनके प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, और आज की मुलाकात में काफी अंतर था। पिछली बार पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी, जबकि इस बार अभ्यर्थियों ने सीधे राज्यपाल से बात की।
उच्च स्तरीय कमेटी की मांग
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग यह है कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। इस उम्मीद के साथ वे राज्यपाल से मिले थे। संभावना जताई जा रही है कि उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जा सकता है।
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