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सावन से पहले गिरिडीह के दुख हरण नाथ मंदिर जाने वाली सड़क कीचड़ से सनी, स्थानीयों ने जताया आक्रोश

#गिरिडीह #दुखहरणनाथमंदिर : श्रावण मास से पहले प्रसिद्ध शिव मंदिर जाने वाला मार्ग जर्जर, श्रद्धालुओं को होगी भारी परेशानी—झामुमो नेता ने किया निरीक्षण, विभाग से तत्काल मरम्मत की मांग

अधूरी सड़क बनी संकट, श्रद्धालुओं की आस्था पर असर

गिरिडीह जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा दुख हरण नाथ मंदिर तक जाने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर और कीचड़मय हो चुकी है। बुधवार को दोपहर 1 बजे स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क की दुर्दशा को लेकर आक्रोश प्रकट किया और संबंधित विभाग से तत्काल मरम्मती कार्य शुरू करने की मांग की।

बताया गया कि यह सड़क REO विभाग द्वारा निर्माणाधीन है, लेकिन झारखंड मोड़ शिवम फैक्ट्री से लेकर दुखिया महादेव मंदिर तक का हिस्सा अधूरा छोड़ दिया गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण यह अधूरी सड़क कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का आवागमन बेहद कठिन हो गया है।

सावन से पहले मरम्मत नहीं तो होगी भारी परेशानी

यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यह समझा जाए कि 11 जुलाई, शुक्रवार से पवित्र सावन मास प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान हजारों कांवरिया और श्रद्धालु इस शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए आते हैं। लेकिन सड़क की जर्जर स्थिति से भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

झामुमो नेता ने किया स्थल निरीक्षण

सूचना मिलने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता भारत यादव मौके पर पहुंचे और स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सड़क की दुर्दशा देखने के बाद REO विभाग के स्कूटी इंजीनियर से संपर्क कर कल तक सड़क की मरम्मत करवाने की मांग की।

भारत यादव ने कहा: “निरीक्षण के दौरान सड़क की स्थिति बदतर मिली। विभाग को निर्देश दिया गया है कि गिट्टी और डस्ट डालकर सड़क को चलने लायक बनाया जाए। साथ ही संवेदक को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करने को कहा गया है।”

संवेदक की धीमी गति बनी परेशानी का कारण

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के किनारे मिट्टी गिरा दी गई थी, जिससे भारी वर्षा में वह मिट्टी सड़क पर फैलकर कीचड़ में तब्दील हो गई। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि संवेदक बहुत धीमी गति से कार्य करवा रहा है, जिसके कारण सड़क अबतक अधूरी पड़ी है।

जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों ने की मांग

इस मौके पर शत्रुघ्न सिंह, कारु मरीक, दिलीप यादव, टिंकू मरीक, लाला दास, करण कुमार, नकुल पंडित, विनोद मरिक, राजू मरिक, सुमित समेत कई स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे, जिन्होंने सड़क की मरम्मती के लिए विभाग पर दबाव डालने की बात कही।

न्यूज़ देखो: आस्था की राह में अड़चन, जवाबदेही तय हो

श्रावण मास में श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक महत्व को देखते हुए प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह सड़कों की स्थिति को प्राथमिकता दे। बाबा दुख हरण नाथ मंदिर जैसे आस्था केंद्र तक पहुंचने वाली सड़कें यदि जर्जर रहेंगी, तो यह सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि श्रद्धा का अपमान है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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