Garhwa

बेखबर डॉक्टर, लाचार मरीज़: इंतज़ार में गई जान!

  • गढ़वा सदर अस्पताल में डॉक्टरों की गैरहाजिरी से फिर हुई एक मौत।
  • 40 वर्षीय अशोक महतो को समय पर नहीं मिला इलाज, तड़पते हुए तोड़ा दम।
  • इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर भी अस्पताल से नदारद मिले।
  • सिविल सर्जन ने की कार्रवाई, गैरहाजिर डॉक्टर की एक दिन की सैलरी काटी।

गढ़वा सदर अस्पताल में लापरवाही की हद! इलाज के अभाव में गई मरीज की जान

गढ़वा सदर अस्पताल में डॉक्टरों की गैरहाजिरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी ओपीडी से तो कभी इमरजेंसी ड्यूटी से डॉक्टर नदारद रहते हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गुरुवार को एक गंभीर मरीज को वक्त पर इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

मृतक की पहचान गढ़वा थाना क्षेत्र के धोटी गांव निवासी 40 वर्षीय अशोक महतो के रूप में हुई है।

इमरजेंसी ड्यूटी में नहीं थे डॉक्टर, इंतज़ार में गई जान

अशोक महतो ने कीटनाशक दवा खा ली थी, जिसके बाद उन्हें परिजन गढ़वा सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक डॉ. नौशाद आलम की ड्यूटी थी, लेकिन वह कोलकाता ट्रेनिंग के लिए भेजे गए डॉक्टरों में शामिल थे

  • उनकी जगह डॉ. राजीव कुमार रजक को इमरजेंसी की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह भी समय पर अस्पताल में मौजूद नहीं थे
  • इस दौरान मरीज तड़पता रहा, लेकिन कोई डॉक्टर इलाज के लिए उपलब्ध नहीं था
  • काफी इंतजार के बाद जब कोई डॉक्टर नहीं आया, तो सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने खुद मरीज का इलाज शुरू किया
  • लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और अशोक महतो की मौत हो गई

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर सवाल

इस घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और फिर परिजनों को सौंप दिया। अशोक महतो की मौत के बाद उनके परिवार में मातम पसर गया और घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय पर इलाज मिलता, तो अशोक की जान बच सकती थी

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सिविल सर्जन ने की कार्रवाई, लेकिन क्या इतना काफी है?

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टर की एक दिन की सैलरी काटी गई और इसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी गई है।

  • उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें मामले की जानकारी मिली, तुरंत चिकित्सक की व्यवस्था कर इमरजेंसी सेवा बहाल की गई
  • लेकिन क्या महज़ सैलरी काटने से गढ़वा सदर अस्पताल की लापरवाही खत्म होगी?
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जानकारी देते हुए परिजन

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र:

गढ़वा सदर अस्पताल में लगातार हो रही डॉक्टरों की गैरहाजिरी और मरीजों की दुर्दशा प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। आखिर गंभीर मरीजों के इलाज में ऐसी लापरवाही क्यों बरती जा रही है?

क्या स्वास्थ्य विभाग इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा या यूं ही मरीजों की जान जाती रहेगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर अपनी पैनी नज़र बनाए रखेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।

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