गिरिडीह: गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड में संचालित बेलवाना पत्थर खदान को लेकर एक बार फिर स्थानीय ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को गोलगो और बेलवाना के दर्जनों ग्रामीण मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख के नेतृत्व में खदान स्थल पहुंचे और लीजधारक सज्जन पचिसिया के खिलाफ नारेबाजी की।
सड़क जर्जर होने और ब्लास्टिंग से परेशान ग्रामीण
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खदान में हो रहे भारी ब्लास्टिंग के कारण न केवल बेलवाना-मनसाडीह सड़क जर्जर हो गई है, बल्कि आसपास के घरों और खेतों को भी नुकसान हो रहा है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक बाबूलाल मरांडी के प्रयास से सड़क का जीर्णोद्धार किया गया था। ग्रामीणों को डर है कि खदान का दोबारा संचालन इस नवनिर्मित सड़क को फिर से क्षतिग्रस्त कर सकता है।
ग्रामीणों की शिकायतें और खदान का प्रभाव
मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख ने कहा,
“ब्लास्टिंग से बच्चों पर मानसिक प्रभाव पड़ रहा है और धूल कणों से खेतों की उपज प्रभावित हो रही है। खदान के कारण आस-पास के लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है।”
2018 में मजदूर की मौत और मुआवजे का विवाद
इस खदान में वर्ष 2018 में उत्खनन के दौरान संझला हेंब्रम नामक मजदूर की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी मुन्नी मुर्मू ने बताया कि खदान संचालक ने चार लाख रुपये नगद, बच्चे की पढ़ाई का खर्च और हर महीने चार हजार रुपये देने का वादा किया था। हालांकि, केवल चार लाख रुपये ही मिले हैं, जबकि बाकी वादे अधूरे हैं।
लीजधारक और प्रशासन का पक्ष
लीजधारक सज्जन पचिसिया ने कहा,
“मेरे पास खदान संचालन का वैध लीज है, लेकिन कुछ लोग मुझे बेवजह परेशान कर रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को सुलझाया जाएगा।”
मजदूर की मृत्यु के मुआवजे को लेकर उन्होंने दावा किया कि तय राशि दी जा चुकी है।
इस मामले में गिरिडीह के डीएमओ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।