
#गिरिडीह #बेटीबचाओ #बेटीपढ़ाओ : जिला प्रशासन ने जागरूकता रैली आयोजित कर बालिकाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण पर जोर दिया
- जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित रैली में भाग लिया।
- रैली में उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका और सेविकाएं समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- रैली झंडा मैदान से आंबेडकर चौक, टॉवर चौक और कालीबाड़ी चौक होकर वापस झंडा मैदान पर समाप्त हुई।
- महिलाओं और किशोरियों ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”, “बेटा बेटी में फर्क नहीं करें”, “एक बेटी-एक सशक्त समाज” जैसे नारे लगाकर जागरूकता संदेश दिया।
- उपायुक्त ने कहा कि बेटी के जन्म पर फैली गलत धारणाओं को मिटाना और समाज में समानता बढ़ाना मुख्य उद्देश्य है।
गिरिडीह में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित इस जागरूकता रैली का मुख्य उद्देश्य समाज में बालिकाओं के अधिकार, सुरक्षा और शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना था। रैली का मार्ग झंडा मैदान से शुरू होकर आंबेडकर चौक, टॉवर चौक और कालीबाड़ी चौक होते हुए पुनः झंडा मैदान पर समाप्त हुआ। रैली में उपस्थित महिलाओं और किशोरियों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से संबंधित कई नारे लगाकर सामाजिक संदेश दिया।
रैली में उपायुक्त का संदेश
जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
रामनिवास यादव ने कहा: “इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेटी के जन्म पर भी समाज में फैली गलत धारणाओं को मिटाना और एक सशक्त समाज तैयार करना है।”
उन्होने आगे कहा कि किसी भी देश की प्रगति में महिलाओं की भूमिका अहम होती है। बेटी भी समाज के उत्थान और विकास में योगदान दे सकती हैं। इस प्रकार की गतिविधियों से समाज में भेदभाव कम करने और जेंडर समानता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है।
सामाजिक जागरूकता और योजनाएं
उपायुक्त ने बताया कि जन्म से स्नातक स्तर तक लड़कियों को सहायता राशि दी जा रही है, जिससे उनकी शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि बेटियों की रक्षा करना सभी का दायित्व है और यह अभियान किशोरियों के अधिकारों और समाज में उनके महत्व को बढ़ावा देता है।
न्यूज़ देखो: बालिकाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण का संदेश
गिरिडीह जिले में आयोजित इस रैली ने समाज में बालिकाओं के अधिकार और सुरक्षा पर ध्यान देने का संदेश मजबूती से दिया। जिला प्रशासन के प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि बेटियों के सशक्तिकरण और संरक्षण को गंभीरता से लिया जा रहा है।
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समाज में बेटी की सुरक्षा और शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें
समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह बेटियों को समान अधिकार, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करे। इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करें, जागरूकता फैलाएं और इस संदेश को दूसरों तक पहुँचाएं। बेटियों को सशक्त बनाकर ही हम समाज और राष्ट्र को मजबूत बना सकते हैं।