
#लातेहार #पर्यटन_विकास : जिला प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त पहल से बदल रही इलाके की पहचान
- बेतला टाइगर रिज़र्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र की छवि बदलकर अब सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मजबूत।
- जिला प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर ओपन सफारी, कैफेटेरिया, गजेबो सहित कई आधुनिक सुविधाएं विकसित कीं।
- नेतरहाट, केचकी संगम, मिरचईया फॉल, सुग्गा बांध, लॉध फॉल समेत सभी स्पॉट पर बनी नई सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।
- पर्यटन बढ़ने से स्थानीय व्यवसायियों और पर्यटनकर्मियों में उत्साह—रोजगार के नए अवसर भी उभर रहे हैं।
बेतला टाइगर रिज़र्व के आसपास का इलाका अब तेजी से पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है। लातेहार जिला प्रशासन और पीटीआर प्रबंधन के संयुक्त प्रयासों ने इस क्षेत्र की पुरानी छवि को बदल दिया है। एक समय था जब नक्सल गतिविधियों के कारण पर्यटक यहां आना जोखिमभरा मानते थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह सुरक्षित और सुगम है। आधुनिक सुविधाओं, ओपन सफारी, आकर्षक ठहराव केंद्रों तथा प्राकृतिक सौंदर्य ने मिलकर बेतला को झारखंड के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शामिल कर दिया है।
बेतला में बढ़ रहा पर्यटन: प्रशासनिक प्रयासों का असर
प्रशासन और वन विभाग की दूरदर्शी योजना ने बेतला को नए रूप में पेश किया है। पहले जहां सुरक्षा को लेकर संदेह था, वहीं आज सैकड़ों की संख्या में पर्यटक निर्भय होकर पार्क और आसपास के पर्यटन स्थलों का दौरा कर रहे हैं।
पीटीआर प्रबंधन ने पार्क के लिए अत्याधुनिक ओपन सफारी वाहनों की व्यवस्था की है, जिससे पर्यटक जंगल की सैर को रोमांचक तरीके से अनुभव कर रहे हैं।
ओपन सफारी से मिला नया आकर्षण
पर्यटकों की राय में ओपन सफारी बेतला के पर्यटन में ‘गेम चेंजर’ साबित हो रही है। जंगल के बीच घूमते हुए वन्यजीवों, घने वृक्षों और प्राकृतिक वातावरण का अद्भुत मिश्रण यहां रोमांच को और बढ़ा देता है।
पर्यटन स्थलों पर विकसित की गई आधुनिक सुविधाएँ
बेतला और उसके आसपास के पर्यटन स्थल लगातार विकसित किए जा रहे हैं। प्रशासन ने बेतला पार्क, केचकी संगम, मिरचईया फॉल, सुग्गा बांध, लॉध फॉल, नेतरहाट आदि स्थानों पर आधुनिक स्वरूप के रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया और गजेबो का निर्माण कराया है ताकि पर्यटक बेहतर माहौल में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकें।
स्थानीय लोगों की मानें तो पहले इन जगहों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।
स्थानीय कारोबारी और पर्यटनकर्मी हुए खुश
पर्यटन सीजन के दौरान इन जगहों पर पर्यटकों की भीड़ पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक दिख रही है। होटल, गाइड, वाहन चालक, रेस्तरां संचालक और छोटे कारोबारियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।
नक्सल छवि से निकलकर पर्यटन ब्रांड बनने की शुरुआत
एक समय नक्सली घटनाओं के चलते लोग इस पूरे क्षेत्र में आने से हिचकते थे। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था, बढ़ती गश्ती, प्रशासनिक सक्रियता और पर्यटन-उन्मुख विकास कार्यों ने इस छवि को बदल दिया है।
आज बेतला अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण और सुरक्षा के लिए जाना जाने लगा है।
प्रशासन और पीटीआर प्रबंधन की संयुक्त प्रतिबद्धता
जंगल और वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। साफ-सफाई, सुरक्षा, गाइड प्रशिक्षण और इको-फ्रेंडली टूरिज्म को लेकर कई योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
न्यूज़ देखो: बेतला में संभावनाओं का नया दौर
बेतला में पर्यटन के बढ़ते कदम इस बात का संकेत हैं कि उचित प्रबंधन और योजनाबद्ध विकास किसी भी क्षेत्र को बदल सकता है। जिला प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर इसे सफलता का मॉडल बना दिया है, जिसे राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
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पर्यटन से विकास की नई राह
बेतला की बदलती तस्वीर यह सिखाती है कि अगर सामूहिक इच्छाशक्ति हो तो किसी क्षेत्र का कायाकल्प किया जा सकता है। पर्यटन बढ़ेगा तो सड़कें, होटल, रोजगार—all बेहतर होंगे। स्थानीय युवाओं को भी इस अवसर का लाभ उठाकर पर्यटन सेवाओं में आगे आना चाहिए।
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