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भागलपुर: 28 बड़े बकायेदारों पर ₹63 लाख होल्डिंग टैक्स बकाया, नगर निगम ने नोटिस जारी कर दी अंतिम चेतावनी

#भागलपुर #होल्डिंगटैक्सकार्रवाई — टैक्स वसूली के लिए प्रशासन एक्शन मोड में, न चुकाने पर होगी जब्ती

होल्डिंग टैक्स बकायादारों पर बढ़ी सख्ती

भागलपुर नगर निगम अब होल्डिंग टैक्स वसूली को लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में आ चुका है। नगर आयुक्त शुभम कुमार के नेतृत्व में 28 बड़े बकायेदारों पर ₹63 लाख से अधिक की राशि वसूलने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इन बकायेदारों को पहले नोटिस भेजा गया था और अब दूसरा एवं अंतिम नोटिस जारी किया जा रहा है।

“यदि 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं हुआ, तो संपत्ति की जब्ती जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी,” — निगम पदाधिकारी

लोजिकूफ टेक्नोलॉजीज ने सौंपी सूची

आउटसोर्सिंग एजेंसी लोजिकूफ टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. ने इन 28 बकायेदारों की सूची नगर निगम को सौंपी है। इससे पहले 23 दिसंबर और 3 जनवरी को भी ऐसी सूची सौंपी गई थी। अब संशोधित सूची पर अंतिम चेतावनी जारी कर दी गई है।

“होल्डिंग टैक्स के बड़े बकायेदारों की सूची दो चरणों में तैयार कर निगम को दी गई है। अब दूसरा और अंतिम नोटिस भेजा जा रहा है।” — अमित कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर, लोजिकूफ टेक्नोलॉजीज

निगम की आंतरिक आय में होल्डिंग टैक्स की भूमिका

भागलपुर नगर निगम की आंतरिक आय का सबसे बड़ा स्रोत होल्डिंग टैक्स है। टैक्स वसूली को लेकर नागरिकों की उदासीनता देखते हुए प्रशासन ने अब सख्त रुख अपनाया है।

बिहार नगरपालिक अधिनियम, 2007 की धारा 158 के तहत नगर निगम कर वसूली में सक्षम है और यह अधिकार संपत्ति की जब्ती तक विस्तृत है।

इन बकायेदारों पर है लाखों का बकाया (वार्डवार विवरण)

वार्डनामबकाया राशि (₹ लाख)
15साईं बाबा इंजीनियरिंग प्रा. लि.9.79
14निज़ामुद्दीन5.49
15शाहिदा खातून4.36
13मृत्युंजय सिंह3.75
15शिवनंदन मंडल3.11
48सुमित्रा देवी2.98
15मनोज मंडल2.98
25द्रौपदी देवी2.96

अगला चरण और व्यापक कार्रवाई की तैयारी

प्रशासन ने संकेत दिया है कि दूसरे चरण की सूची भी तैयार की जा रही है। इसके तहत और अधिक बकायेदारों को चिन्हित कर कार्रवाई तेज की जाएगी।

न्यूज़ देखो : जनता को जागरूक करने की पहल

टैक्स भुगतान नागरिकों की जिम्मेदारी है। ‘न्यूज़ देखो’ शहर के हर क्षेत्र में प्रशासनिक प्रयासों और नागरिक अधिकारों की जानकारी आप तक लाता रहेगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

चेतावनी और जिम्मेदारी दोनों जरूरी

अगर शहरवासी टैक्स नहीं चुकाएंगे, तो विकास रुक जाएगा। प्रशासन की यह सख्ती व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक साहसी कदम है। नागरिकों को समय रहते सहयोग देना चाहिए।

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